भड़काऊ ट्विटर हैशटैग को रोकने के लिए लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने कहा कि हम यह कैसे कर सकते हैं।
आप कह रहे हैं कि ट्विटर पर लोग गलत बातें लिख रहे हैं। यह तो ऐसा है कि लोग फोन पर गंदी बातें करते हैं तो एमटीएनएल को बंद करने के लिए कहा जाए। हम इस तरह के आदेश जारी नहीं कर सकते।
हैदराबाद स्थित अधिवक्ता खाजा एजाजुद्दीन द्वारा दायर याचिका, ट्विटर पर हैशटैग, जैसे कि #IslamicCoronavirusJihad, #NizumuddinIdiots, #TTighighiJamaatVirus और अन्य, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड कर रहे हैं, जो धर्म का अपमान करने की क्षमता रखते हैं। देश का सांप्रदायिक सौहार्द।
याचिकाकर्ता, धर्म को ट्विटर पर महामारी से जोड़ने के स्वभाव से दुखी होकर, “सोशल नेटवर्क पर अवैध ट्रेंडिंग” को समाप्त करने के लिए दिशा-निर्देश मांगता है और साइटों को उन संदेशों को ले जाने से रोकता है जो भावनाओं को आहत या अपमानित करते हैं। एक विशेष समुदाय का।
आज तक पर छपी खबर के अनुसार, बीते दिनों तबलीगी जमात का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद ट्विटर पर कई हैशटैग चलाए गए थे।
इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन वहां से याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके भड़काऊ हैशटैग को रोकने की मांग की गई थी।