सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) प्रदर्शन के खिलाफ टिप्पणी ने एक नया मोड़ ले लिया है और इस पर प्रतिक्रिया शुरू हो गई है।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, जनरल रावत ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शनों को लेकर अपने ट्वीट में कहा, नेता वो नहीं है जो लोगों का गलत दिशा में नेतृत्व करते हैं, जैसा कि हम बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के छात्रों को देख रहे हैं.. वे जिस तरह से भीड़ का नेतृत्व हमारे शहरों व कस्बों में आगजनी व हिंसा के लिए कर रहे हैं, यह नेतृत्व नहीं है।
सेना प्रमुख की टिप्पणी पर जवाब देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, जनरल साहब मैं आप से सहमत हूं, लेकिन नेता वो भी नहीं होते जो अपने फॉलोवरों को सांप्रदायिक हिंसा के नरसंहार में शामिल होने की अनुमति देते हैं। जनरल साहब क्या आप मेरे से सहमत हैं?
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच भारतीय युवा कांग्रेस ने देश भर में भाजपा नेताओं को कूरियर के जरिए संविधान की प्रस्तावना भेजी है। युवा कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित सभी मंत्रियों को संविधान की प्रस्तावना भेजी है।
"Leaders Not Those Who Lead Masses In Arson": Army Chief On Citizenship Protests
I agree General Saheb but also Leaders are not those who allow their followers to indulge in Genocide of Communal Violence. Do you agree with me General Saheb? https://t.co/rOo0vFGMIf— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 26, 2019
दस्तावेजों को भेजने के दौरान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने कहा कि भाजपा व उसके नेता एक तरफ संविधान के रक्षक होने का दावा करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ उनकी सभी नीतियों व कार्यों का मकसद संविधान के बुनियादी ताने-बाने को नष्ट करना है।
कांग्रेस 28 दिसंबर को एक विरोध जुलूस आयोजित कर रही है, जबकि राहुल गांधी असम में जुलूस का नेतृत्व करने जा रहे हैं। पार्टी ने अपने सभी राज्य अध्यक्षों को मार्च निकालने व लोगों को विभाजनकारी सीएए के बारे में बताने का निर्देश दिया है।