बिहार में RJD से टूट सकती है कांग्रेस का गठबंधन!

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बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से लोकसभा चुनाव में मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने महागठबंधन बनाया, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस को छोड़कर आरजेडी सहित अन्य दलों के सूपड़ा साफ होने के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता महागठबंधन को छोड़कर अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं.

इस चुनाव में वोट प्रतिशत के मामले में कांग्रेस, आरजेडी और भाजपा सहित कई दलों से भले ही पीछे रह गई हो, परंतु इस चुनाव में कांग्रेस की सफलता का प्रतिशत (स्ट्राइक रेट) आरजेडी से बेहतर है.

इस चुनाव में 19 सीटों पर लड़ने वाली आरजेडी एक भी सीट नहीं जीत सकी, लेकिन कांग्रेस ने नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार को उतारकर किशनगंज सीट पर जीत का पताका फहरा दिया. यही एकमात्र सीट है, जो इस चुनाव में महागठबंधन जीत सकी है.

वरिष्ठ कांग्रेसी और बिहार विधानसभा में कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह ने गठबंधन से अलग होकर कांग्रेस को चुनाव में उतरने की सलाह देते हुए स्पष्ट कहा, “पार्टी को बैसाखी से उबरना होगा. अपनी धरातल, अपनी जमीन को तो मजबूत करना ही होगा.”

महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर नाइंसाफी के विषय में सिंह कहते हैं, “महागठबंधन में कमियां तो थीं ही, कांग्रेस को भी कम सीटें मिली हैं. समझौता समय से पहले नहीं हो पाया.”

कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा भी कहते हैं, “यह मेरी पुरानी मांग है. मैं तो 1998 से ही इसका प्रयास कर रहा हूं. मेरा मानना है कि कांग्रेस बिहार में अकेले बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.”

साभार- ज़ी न्यूज़