कांग्रेस ने राम मंदिर जमीन खरीद सौदे की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की

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कांग्रेस ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन खरीदने में बड़ी रकम के हुए कथित घोटाले को देश के नागरिकों की आस्था के साथ धोखाधड़ी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस हेराफेरी की जांच की मांग की है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, पार्टी ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि मंदिर निर्माण के लिए करोड़ों लोगों से जुटाए चंदे का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार महापाप है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में टवीट कर कहा ‘श्रीराम स्वयं न्याय हैं, सत्य हैं, धर्म हैं-उनके नाम पर धोखा अधर्म है।’

कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमख रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेस कर जमीन खरीद के दस्तावेजों और रिकार्ड का हवाला देते हुए कहा कि तीन तथ्यों से साफ है कि इस मामले में घोटाला किया गया।

उनके अनुसार कुसुम पाठक व हरीश पाठक ने अयोध्या में 12,080 वर्ग मीटर जमीन 18 मार्च, 2021 को शाम 7.10 बजे रजिस्टर्ड सेल डीड से दो करोड़ रुपये में रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी को बेच दी।

उसी दिन शाम 7.15 बजे यही जमीन रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी ने श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सेक्रेटरी चंपत राय के मार्फत 18.5 करोड़ रुपये में बेचने का रजिस्टर्ड इकरारनामा कर दिया।

दोनों रजिस्ट्री में अनिल मिश्रा, जो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं, और ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं।

उन्होंने कहा कि मिश्रा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आजीवन सदस्य व पूर्व प्रांत कार्यवाहक रहे हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रस्ट का सदस्य बनाया है। जबकि उपाध्याय भाजपा के नेता और अयोध्या के मेयर हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि 18 मार्च 2021 को शाम 7.10 से 7.15 बजे केवल पांच मिनट में रजिस्टर्ड दोनों कागजात में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी जा रही जमीन की कीमत दो करोड़ से बढ़कर 18.5 करोड़ रुपये हो जाती है।

इसका भुगतान उस राशि से किया गया जो करोड़ों भारतीयों ने मंदिर निर्माण के लिए दी थी। स्पष्ट है कि इस हेराफेरी की जानकारी ट्रस्ट के ट्रस्टीज को थी।

चौंकानेवाली बात यह भी है कि रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी द्वारा जमीन खरीदने के लिए स्टांप ड्यूटी जमा करवाने से पहले ही ट्रस्ट की ओर से स्टांप डयूटी जमा करा दी गई।

सुरजेवाला ने कहा कि पीएम को इस पर चुप्पी तोड़नी चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेकर अपनी निगरानी में इस हेराफेरी की जांच और चंदे का आडिट कराना चाहिए क्योंकि उसके निर्देश पर गठित ट्रस्ट में गड़बड़ी सामने आई है।

ट्रस्ट में बदलाव के बारे में सुरजेवाला ने कहा कि ये मसला सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच का है। कांग्रेस केवल चंदा चोरी की जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की बात कर रही है।

साभार- जागरण डॉट कॉम