यूपी की 80 में से 26 सीटों पर रहेगी कांग्रेस की नजर

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लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की 80 में से कांग्रेस ने उन 26 सीटों की पहचान कर ली है, जहां उसे जीतने की संभावना दिखती है। लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा को कमान सौंपकर कांग्रेस पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह देश के इस सबसे बड़े सूबे को हल्के में नहीं ले रही है. पार्टी ने कहा है कि वह राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. वैसे अब माना जा रहा है कि पार्टी 80 सीटों पर उम्मीदवार तो उतारेगी लेकिन उसका फोकस केवल 26 सीटों पर होगा. हालांकि, यूपी में कांग्रेस की नई टीम के पास खुद को साबित करने के लिए दो महीने से भी कम वक्त बचा है इसलिए कांग्रेस केवल उन निर्वाचन क्षेत्रों का ही ध्यान रख रही है, जहां वह जीतने के लिए चुनाव लड़ सकती है।

अमेठी और रायबरेली पहले से ही गांधी परिवार का गढ़ है और सुल्तानपुर में भी 2009 में कांग्रेस चुनाव जीत चुकी है। इसके अलावा बाकी 23 सीटों पर भी कांग्रेस ने 2009 लोकसभा चुनाव में आश्चर्यजनक रूप से शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी ने इन सीटों से पहले जीत चुके सांसदों को यहां से इनचार्ज बताया है। इन 23 सीटों के अलावा कांग्रेस दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों में भी लड़ेगी लेकिन वहां से जीतने की उम्मीद सीमित ही रखेगी।

दरअसल, कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका को पूर्वी यूपी और मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी का प्रभारी नियुक्त है. इन दोनों ने इसी माह कामकाज संभाला है. लेकिन लोकसभा चुनाव में अब केवल दो माह के समय बचे होने के कारण पार्टी को भी लगता है कि इतने कम समय में कुछ बड़ा कर पाना मुश्किल है. अभी 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में कांग्रेस के पास केवल दो सीटें हैं. रायबरेली से सोनिया गांधी और अमेठी से राहुल गांधी सांसद हैं. इन दोनों सीटों के अलावे सुल्तानपुर सीट भी गांधी परिवार का रहा है. इसके अलावा पार्टी ने 2009 के लोकसभा में जिन 23 लोकसभा सीटों पर बेहतर प्रदर्शन किया था उस पर फोकस कर रही है. पार्टी ने पूर्व में जीन सीटों पर जीत हासिल किया था वहां पर उसने अपने पूर्व सांसदों को प्रभारी नियुक्त किया है.

पार्टी को उम्मीद है कि प्रियंका यूपी के कुछ सामाजिक तबकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो सकती हैं, जिससे यूपी में पार्टी का आधार मजबूत करने में मदद मिलेगी। अगर कांग्रेस यूपी में जनसमर्थन प्राप्त करने में सफल रहती है, तो इससे यूपी में बाकी दो प्रभावी ध्रुवों में से किसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी यह अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ मानते हैं कि कांग्रेस बीजेपी को ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी, क्योंकि पार्टी ऊंची जाति और किसान के तबके को आकर्षित कर सकती है। वहीं कई लोगों का मानना है कि कांग्रेस की एंट्री ऐंटी बीजेपी वोटों का बंटवारा करेगी जो एसपी-बीएसपी के खाते में जा सकते थे। जिन सीटों की लक्षित किया गया है उसमें पूर्व सांसद जितिन प्रसाद को दो सीटों का दायित्व सौंपा गया है। इसमें उनका निर्वाचन क्षेत्र धौरहरा और पड़ोसी क्षेत्र सीतापुर शामिल है।

वहीं कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह को कुशीनगर और पीएल पुनिया को बाराबंकी का प्रभार दिया गया है। इनके अलावा राज्यसभा सांसद संजय सिंह को हरदोई और राजीव शुक्ला को कानपुर की कमान मिली है। इनके अलावा अजय कुमार लल्लू को महाराजगंज और मीरजापुर का कार्यभार दिया गया है।