कर्नाटक की राजनीति में फिर बवाल, कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप!

,

   

कांग्रेस ने इस साल की शुरुआत में जनता दल (सेकुलर) और कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, पार्टी ने साथ ही इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब भी मांगा है। शुक्रवार को वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने दावा किया है कि तत्कालीन कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य ठहराए गए बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी। इस तरह पार्टी नए सबूतों के साथ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।

वीडियो में येदियुरप्पा हुबली में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मुझे लगता है कि आप सभी कांग्रेस और जद (एस) विधायकों के खरीद-फरोख्त से संबंधित कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के वीडियो क्लिप से अवगत होंगे।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह कहती रही है कि प्रधानमंत्री और शाह के नेतृत्व में भाजपा ने विपक्षी विधायकों और विपक्ष के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए सीबीआई, ईडी, आईटी जैसी सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया।

वेणुगोपाल ने कहा, “अब मुख्यमंत्री के वीडियो सबूत से यह सत्यापित हो गया है। उन्होंने कहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के पूरे मामले का प्रबंधन शाह ने किया था।”

वेणुगोपाल ने आरोप लगाया, “वह (येदियुरप्पा) वीडियो में बता रहे हैं कि शाह मुंबई में उनके (कांग्रेस-जद-एस विधायकों) ठहरने का प्रबंध कर रहे हैं और वह पाला बदलने वाले विधायकों को संभाल रहे हैं।”

कांग्रेस-जद(एस) के 15 विधायक जून में विधानसभा से इस्तीफा देकर मुंबई चले गए थे। विधायकों के इस्तीफे के बाद तत्कालीन कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था।

इसके बाद 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जद(एस) सरकार जुलाई में कर्नाटक में बहुमत साबित करने में विफल रही और गिर गई।

कांग्रेस नेता ने भाजपा द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा, “अब एक सबूत है और यह चौंकाने वाला है कि येदियुरप्पा कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट बागी विधायकों को राहत दे सकता है और वे चुनाव लड़ सकते हैं।”

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, “हम सभी जानते हैं कि इस मामले का चार नवंबर को निर्णय आना है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है कि एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि फैसला दलबदलू विधायकों के पक्ष में आने वाला है और वे चुनाव लड़ सकते हैं। इसका क्या मतलब है?”