भरोसा खो चुका है चुनाव आयोग, असहाय नज़र आ रहा है- कांग्रेस

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कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद चुनाव प्रचार की अवधि में कटौती के चुनाव आयोग के कदम को बुधवार को लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा’ करार दिया। पार्टी ने दावा किया कि आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है तथा इस संवैधानिक संस्था के लिए नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता एवं निर्भीकता पर कब्जा कर लिया है?

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, सुरजेवाला ने कहा, ‘हमें दुख के साथ कहना पड़ा रहा है कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है। वह अपनी योग्यता, क्षमता, निर्भीकता और निष्पक्षता के लिए जाना जाता रहा है।

आज जब पीएम मोदी और BJP अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लोकतंत्र पर हमला बोला जा रहा है तो चुनाव आयोग डरा, थका और असहाय नजर आ रहा है। वह प्रजातंत्र का चीरहरण होते हुए देख रहा है।’

पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की अवधि में कटौती के फैसले को लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा’ करार देते हुए उन्होंने दावा किया, ‘ऐसा लगता है कि चुनाव आचार संहिता अब मोदी जी प्रचार संहिता बन गई है। चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है।’

उन्होंने सवाल किया, ‘क्या कारण है कि गुंडों को सजा देने की बजाय चुनाव आयोग मूकदर्शक और असहाय बना हुआ है? क्या मोदी और शाह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता या निर्भीकता पर कब्जा कर लिया है?’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग PM मोदी और BJP को उपहार भेंट कर रहा है। उसने यह सुनिश्चित किया कि PM की 2 सभाएं प्रभावित नहीं हों।’

सुरजेवाला ने दावा भी किया पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया को धूमिल किया गया है तथा आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया। यह संविधान के साथ किया गया अक्षम्य विश्वासघात है।