गुजरात की बीजेपी सरकार द्वारा मार्च 2015 में पास किए गए विवादास्पद जीसीटीओसी बिल यानी गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गेनाइज्ड क्राइम बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकृति दे दी है।
GUJCOC ( #Gujarat Control of Organised Crime Act ) bill gets President's nod. pic.twitter.com/BKkcIPBXOA
— Tv9 Gujarati (@tv9gujarati) November 5, 2019
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, इस बिल के विवादास्पद होने का कारण यह था कि इसमें फोन की वार्ता को वैध सबूत मानने की बात कही गई है।
इस बिल पर राष्ट्रपति की स्वीकृति की सूचना गुजरात के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने मंगलवार को दी है। उन्होंने कहा कि यह बिल नरेंद्र मोदी के गुजरात के CM रहने के दौरान वर्ष 2004 से लंबित पड़ा हुआ था।
उस दौरान इस बिल का नाम गुजरात कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम (जीयूसीओसी) बिल था। वर्ष 2015 में गुजरात सरकार ने बिल का नाम GCTOC (गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गनाइज्ड क्राइम बिल) करके फिर से प्रस्तुत किया, किन्तु पुलिस को टेलीफोनिक वार्तालापों को टैप करने और सबूत के रूप में अदालत में पेश करने जैसे विवादास्पद प्रावधानों को बरकरार रखा।
प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा है कि विधेयक के प्रावधान आतंकवाद, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, पोंजी स्कीम, मादक पदार्थों के व्यापार और जबरदस्ती वसूली के रैकेट से निपटने में अहम् साबित होंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि आखिरकार आज पीएम मोदी का सपना पूरा हो गया।