सरकार की आलोचना करने पर दलित डॉक्टर को पुलिस ने किया गिरफ्तार!

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विशाखापट्नम: कोरोना संक्रमण की रोकधाम पर लिए किये जा रहे सरकार के उपायों की आलोचना करने पर पुलिस के एक चिकित्सक को गिरफ्तार करने के बाद राज्य की राजनीति गर्माने लगी है।

 

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने पुलिस के इस कृत्य की आलोचना करते मामले में संंबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। नायडू ने दलित डॉक्टर की पिटाई का मामले पूरे डॉक्टर समाज पर हमला करने का आरोप लगाया है।

 

 

संजीवनी टुडे पर छपी खबर के अनुसार, पुलिस के अनुसार डॉ. सुधाकर चिकित्सक शराब के नशे में शनिवार को स्थानीय सरकारी अस्पताल पहुंचे और गाली गलौज की। लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची।

 

पुलिस का आरोप है कि शराब के नशे में चिकित्सक ने पुलिस पर हमला किया। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

 

पुलिस उन्हेंं हथकड़ी लगाकर थाना लायी। यह डॉ. सुधाकर वहीं हैं जिन्होंने एक महीने पहले स्वस्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री पर बेबुनियाद आरोप लगाने पर निलंबित किया था।

 

रविवार को विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को विशाखापट्नम में दलित चिकित्सक डॉ. सुधाकर के साथ पुलिस के अमानवीय व्यवहार करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

 

टीडीपी प्रमुख ने सरकार से मांग की कि इस मामले से संबंधित पुलिसकर्मी और दोषी अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एससी, एसटी अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए जाएं।

 

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा दलित डॉक्टर को लाठियों से पीटना निंदनीय है।

 

नायडू ने कहा कि यह दलित समुदाय और सेवा करने वाले डॉक्टरों की बिरादरी पर हमला है। नायडू ने दलित चिकित्सक को फोन पर धमकी देने वाले व्यक्तियों की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की है।

 

टीडीपी प्रमुख ने कहा कि सीएम जगन ने कोरोनोवायरस के मामलों को नियंत्रित करने में अपनी सरकारी विफलताओं को छुपाने के लिए डॉ. सुधाकर को निशाना बताया और सरकार की आलोचना करने पर डॉक्टर को निलंबित किया है।