मरकज़ निजामुद्दीन ने दी सफाई, कहा- ‘लॉकडाउन के बाद नहीं निकल सके लोग’

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मरक़ज़ ने पुलिस को सफाई देते हुए कहा है कि उनके मरकज की तैयारियां चल रही थी जिसमें बैरूने मुल्क से लोग आते हैं और इसका प्रोग्राम 1 साल पहले से तय किया जाता है।

 

जी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, जब मरकज में लोग यहां पहुंचे थे तो उसी दौरान लॉक डाउन का ऐलान हो गया और जिसके लिए वज़ीरे आज़म मोदी ने 22 मार्च को आवामी कर्फ्यू के लिए कहा था उसी दौरान इन लोगों को यहीं पर रोकने का फैसला किया।

 

 

उसके अगले ही दिन वज़ीरे आज़म ने पूरे मुल्क के लॉक डाउन का फैसला किया। जिसके बाद मुल्क भर के इमरजेंसी हालात में ट्रेनें और पूरी यातायात व्यवस्था को बंद कर दिया गया। जो लोग आए थे।

 

निज़ामुद्दीन तबलीगी जमात मरक़ज़ में लोगों को ट्रेनों या फिर दूसरी जगह से बाहर जाना था लेकिन बंद के चलते वह जा नहीं पाए। हालांकि इस बात को लेकर दिल्ली पुलिस ने मरकज़ को नोटिस भी दिया था। और मरक़ज़ का कहना है कि वो भी दिल्ली पुलिस के राब्ते में थे।

 

मरक़ज़ ने कहा कि हमने दिल्ली पुलिस से बात की और बताया कि 24 तारीख को की तकरीबन 15 लोग यहां से भेजे जा चुके हैं अलग-अलग तरीके से जबकि अभी भी बहुत लोग हैं।

 

कुछ गाड़ियों के नंबर पुलिस को लिख कर दिए गए थे हम पुलिस से लगातार बातचीत कर रहे थे कि हमें बाहर कोई रास्ता दिखाया जाए.मरक़ज़ से जाने के लिए के लिए लगातार बात की जा रही थी और एहतियात रखा जा रहा ।

 

25 को हेल्थ विभाग की टीम मरक़ज़ में आई थी और उसने सभी को चेक किया था जिसके बाद 26 को फिर 28 मार्च को डब्ल्यूएचओ हेल्थ डिपार्टमेंट समेत कई लोग आए थे।

 

तबियत जुकाम खांसी हालत में दिखी थी जिसके बाद भी लगातार कई मीटिंग एसडीएम एसीपी के साथ की गई थी 30 तारीख को एक हवा फैलाई गई मरकज में कई लोग कोरोना मुतास्सिर हैं।

 

फिलहाल यहां से अभी तक 900-1000 लोगों को क्वारंटाइन के लिए ले जाया गया है सूत्रों के अनुसार अभी 300-400 लोगों की होने का शक है।