बाबरी मस्जिद पर फैसले से पहले अरशद मदनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि बाबरी मस्जिद एक मस्जिद थी और आज भी है
'This country cannot accept the supremacy of any religion or ideology.'#Lynchinghttps://t.co/Rn7x7MAXbE
— Outlook India (@Outlookindia) November 6, 2019
हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट अयोध्या विवाद मामले पर जल्द फैसाल सुनाने वाला है। पूरे देश की निगाहें अयोध्या फैसले पर टिकी हैं। इस बीच राजनीतिक के साथ सामाजिक गहमागहमी भी बढ़ती दिख रही है।
Whatever the verdict of the #SupremeCourt in the #Ayodhya dispute, the Jamiat will respect the ruling, asserted Syed Arshad Madani, while appealing to Muslims to abide by the verdicthttps://t.co/67hfkl5ZCQ
— Firstpost (@firstpost) November 6, 2019
अयोध्या विवाद मामला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। अरशद मदनी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद एक मस्जिद थी और शरिया के अनुसार आज भी मस्जिद है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या प्रकरण में सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर जो भी फैसला देगा उसे हम मानेंगे। लेकिन मुसलमानों का मस्जिद पर दावा एतिहासिक तथ्यों पर आधारित है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हिन्दूओं के मंदिरों को तोड़े बिना मस्जिद का निर्माण किया गया है। हम अपने दावे के साथ खड़े है। लेकिन इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए उसे हम स्वीकार करेंगे।
इसके अलावा उन्होंन मुसलमानों सहित पूरे भारत के नागरिकों से शांति की अपील की है और सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले का सम्मान करने की अपील की है।