देश को ईमानदार, पारदर्शी प्रबंधकों की जरूरत है, भ्रष्ट चौकीदारों की नहीं!

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लखनऊ: लोक गठबंधन पार्टी ने कहा कि आज देश को बेरोजगारी और कृषि संकट की मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए ईमानदार, पारदर्शी और अनुभवी प्रशासनिक शिष्टाचार की जरूरत है न कि “चौकीदारों” की,जिन्होंने पिछले पांच वर्षों के दौरान धक्कामुक्की की।

एलजीपी ने कहा कि 2014 के आम चुनावों में “चौकीदारों” पर भाजपा की नौटंकी केवल “चायवाले” की तरह राजनीति से प्रेरित है।

भारत के पूर्व सचिव विजय शंकर पांडेय जो फैजाबाद-अयोध्या लोकसभा सीट से मैदान में हैं की अगुवाई वाले एलजीपी के प्रवक्ता ने सोमवार को यहां कहा कि देश को लंबे समय तक बदहाली में रहना पड़ेगा जब तक कि अयोग्य, अनुभवहीन और भ्रष्ट लोगों द्वारा सत्ता पर क़ाबिज़ रहेंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि दिशाहीन नारे लगाकर एक बार फिर राष्ट्र को रसातल में रखने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्होंने गरीब लोगों की कीमत पर क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा दिया है।

प्रवक्ता ने कहा कि श्री पांडे गरीब लोगों की बारहमासी समस्याओं को हल करने के लिए ईमानदार और पारदर्शी शासन के उद्देश्य से फैजाबाद में अभियान चला रहे हैं। इस बात की ओर इशारा करते हुए कि निरर्थक और भावनात्मक नारे बढ़ते बेरोजगारी की समस्या और कृषि क्षेत्र के संकट के लिए रामबाण नहीं हो सकते हैं, एनडीए शासन द्वारा पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है और अब विफलता को छिपाने के लिए इस संबंध में डेटा को छिपाने के लिए बेताब प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि अच्छी तरह से पढ़े-लिखे लोगों के हाथों में राष्ट्र बेहतर ढंग से लोगों की सेवा कर सकता है, न कि किसी सर्कस के रिंगमास्टर के हाथों में।

प्रवक्ता ने कहा कि इस उद्देश्य के साथ श्री पांडे ने अपने डोर-टू-डोर अभियान में फैजाबाद-अयोध्या में उन सभी ताकतों को उखाड़ फेंकने के लिए लोगों तक पहुंच बनाई है, जिन्होंने दशकों से उनका शोषण किया है और उन्हें धोखा दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि राजग सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने, धन वापस लाने और गरीब लोगों के सामाजिक-आर्थिक हित को सुरक्षित रखने में “चौकीदार” का मूल कर्तव्य निभाने में विफल रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि चटखारे लेने वाले वर्ग या डिजिटल विचारों की लड़ाई के सोशल मीडिया के चलन से भाजपा को कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में भारी संकट पैदा हो रहा है,जहां खेती का संकट बना हुआ हुआ है। गांवों में गरीब लोगों के लिए सोशल मीडिया पर चौकीदार पिच बिल्कुल अर्थहीन है।