देश का फिर ‘विभाजन’ नहीं होगा: मोहन भागवत

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत को बांटने की बात करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश ने विभाजन के समय एक बड़ी ठोकर खाई थी और इसे भुलाया नहीं जा सकता, और इस तरह फिर से दोहराया नहीं जाएगा।

नोएडा में कृष्णानंद सागर द्वारा लिखित पुस्तक – “विभजनकालीन भारत के साक्षी” (विभाजन का साक्षी) – का विमोचन करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि यह 2021 का भारत है, 1947 का नहीं। एक बार देश का विभाजन हो गया और अब यह नहीं होगा फिर से विभाजित हो।

भागवत ने ‘अखंड भारत’ (संयुक्त भारत) की भी वकालत की। उन्होंने विभाजन को एक अविस्मरणीय घटना करार दिया और कहा कि विभाजन का दर्द तभी समाप्त होगा जब विभाजन को रद्द कर दिया जाएगा।


उन्होंने कहा कि जो टूटा था उसे फिर से जोड़ना होगा।

भागवत ने कहा कि भारत के बंटवारे की साजिश रची गई, जो आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि बंटवारा शांति के लिए हुआ लेकिन उसके बाद भी देश में दंगे हुए।

उन्होंने कहा कि भारत की पहचान हिंदू है तो इसे मानने में क्या हर्ज है।

‘घर वापसी’ पर बोलते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि अगर कोई अपने पूर्वजों के घर वापस जाना चाहता है तो हम उनका स्वागत करेंगे, लेकिन अगर वे नहीं आना चाहते हैं तो कोई बात नहीं।