कोविड-19: भारत में मिला ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट!

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संक्रमण की दूसरी लहर के बीच भारत में एक नए कोरोना वायरस ने दस्तक दी है। ये वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट है।

संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग से पता चला कि जितने केस आए हैं, उनमें से 60 फिसदी में नया कोरोना वायरस है।

इसका नाम रखा गया है। B.1.618 वैरिएंट। मालूम हो कि इससे पहले देश में कोरोना वायरस का डबल म्यूटेंट आया था, जिसका नाम B.1.617 था।

गौरतलब है कि नए ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस में नए जेनेटिक सेट हैं। इसमें E484K वैरिएंट के अंश भी है। इस वैरिएंट का सबसे खतरनाक बात ये है कि ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस B.1.618 किसी के भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम को धोखा दे सकता है।

इतना ही नहीं जिन्हें कोरोना संक्रमण पहले हो चुका है उनके शरीर में मौजूद एंटीबॉडी को भी ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस धोखा दे सकता है।

विशेषज्ञों ने ट्रिपल म्यूटेंट को लेकर चेतावनी दी है। क्योंकि चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में ये वायरस तेजी से फैल रहा है।

बंगाल में इस वायरस के शुरुआती सिक्वेंस मिले हैं। बतादें कि B.1.618 वैरिएंट से मिलते-जुलते वायरस अमेरिका, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और फिनलैंड में भी मिले हैं।

ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट B.1.618 का पहला सैंपल भारत से बाहर किसी अन्य देश में 22 अप्रैल 2020 को मिला था। इसके बाद पश्चिम बंगाल में इसकी जीनोम सिक्वेंसिंग की गई। जिसमें 130 सैंपल में से 129 में यह वैरिएंट मिला है। यह विश्लेषण Outbreak.info पर दिया गया है।

CSIR-IGIB के रिसर्चर डॉ. विनोद स्कारिया ने ट्विटर कर बताया कि E484K वैरिएंट इम्यून सिस्टम से बचने में महारत हासिल रखता है।

इसके जेनेटिक सेट्स दुनिया के कई कोरोना वायरस वैरिएंट्स में मिल रहे हैं। E484K जेनेटिक सेट्स वाले नए म्यूटेंट कोरोना वायरस प्लाज्मा थैरेपी से भी ठीक नहीं हो रहे हैं। B.1.618 और B.1.617 ने मिलकर इस समय पश्चिम बंगाल में कहर बरपाया हुआ है।

साभार- बंसल न्यूज़ डॉट कॉम