तेलंगाना के जागतियाल इलाके में एक 65 वर्षीय हिन्दू व्यक्ति की मौत हो गई। ये व्यक्ति कोरोना का संदिग्ध मरीज था।
इसके आस पड़ोस में कोरोना का ऐसी दहशत थी कि इसके परिवार वालों ने इसका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद इस गांव के मुस्लिम युवकों ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए इस शख्स का हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया।
65 वर्षीय इस व्यक्ति की मौत सोमवार को हुई थी। परिवार वालों ने डर की वजह से बॉडी का अंतिम संस्कार करने से ही मना कर दिया था। हालांकि स्थानीय पुलिस और पार्षदों ने परिवार को समझाने का प्रयास किया, किन्तु इसका परिवार पर कोई असर नहीं पड़ा।
इसकी जानकारी मिलने पर आस-पास रहने वाले 6-7 मुस्लिम युवकों ने उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया। उन्होंने किराए पर एक एम्बुलेंस बुलाई और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शव का अंतिम संस्कार किया।
अंतिम संस्कार करने के लिए के लिए सभी युवकों ने PPE किट पहनी ताकि संक्रमण की चपेट में आने से खुद को बचाया जा सके. इसके बाद एम्बुलेंस के माध्यम से वे शव को श्मशान घाट ले गए और वहां लकड़ी से शव का दाह संस्कार किया।
आस-पास के इलाकों में इन मुस्लिम युवकों के इस पहल की लोग प्रशंसा कर रहे हैं और इसे इंसानियत की सेवा बता रहे हैं।