कोविड-19: भारत में आगे हो सकता है खतरनाक!

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बहुत से लोगों को लगने लगा है कि कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा चुके हैं। इसकी वजह यह है कि अब तक भारत में रोजोना नए मामलों का रिकॉर्ड बनाने के बाद उत्तरोतर संख्या में कमी या स्थिरता दिखने लगी है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, रिकवरी रेट 86 प्रतिशत हो गया है। मृत्यु दर भी 1.55 प्रतिशत तक आ गई है।

 

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हर दिन नए मामलों और ठीक होने वाले मामलों में लगभग 15000 का अंतर है। यह आंकड़े तसल्ली तो देते हैं लेकिन इससे हमें आत्मसंतुष्ट नहीं हो जाना चाहिए।

 

दरअसल देखा गया है कि दुनिया भर में जहां भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ी है उसके बाद नई लहर सामने आई है जो पहले से ज्यादा गंभीर थी।

 

ऐसे में यह जरूरी है कि संक्रमण से बचाव के लिए हम जो सावधानियां बरत रहे हैं उनको और प्रभावी तरीके से लागू रखें। इससे संभव है कि हम कोरोना की दूसरी लहर को रोक पाने में सफल हो जाएं।

 

फ्रांस में दूसरी लहर आई जो पहले से कहीं ज्यादा गंभीर थी। इसलिए हमें इस बात के लिए आश्वस्त नहीं हो जाना चाहिए कि हम कोरोना पर काबू पा चुके हैं। हालांकि यह बात सही है कि हमारे देश में सरकार ने बेहतर रणनीति के साथ कोरोना से निपटने के लिए कार्य किया।

 

यही वजह है कि अमेरिका, ब्राजील व फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन सहित अन्य यूरोपीय देशों के मुकाबले हमारे यहां आबादी बहुत ज्यादा होने के बावजूद मृत्यु दर कम रही।

 

कोरोना जब तक हमारे साथ है हमें तीन बातों का सख्ती से पालन करना होगा। मास्क को हमें अपने वस्त्र की तरह अनिवार्य बनाना होगा।

 

शारीरिक दूरी का पालन करना होगा और साथ ही घरों में ताजी हवा के आने-जाने का वेंटिलेशन बनाए रखना होगा।

 

उनका मानना है कि यही तीन चीजें ऐसी हैं जिससे हम कोरोना से दो-दो हाथ कर सकते हैं और इन्हीं के जरिए कोरोना वायरस को थामने में भी काफी हद तक सफल भी हो सकते हैं।