कोविड-19: शार्क के लिवर में बनने वाले एक खास तेल से बनेंगे वैक्सीन?

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पूरी दुनिया में जारी कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच समुद्र में शार्क मछलियों का बड़े स्तर पर शिकार किया जा रहा है। इन शार्कों को इनके लिवर में बनने वाले एक खास तेल स्क्वैलीन के लिए मारा जा रहा है।

 

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, जिसका प्रयोग कोरोना वायरस की कोरोना वैक्सीन बनाने में किया जाएगा। यह एक किस्म का प्रकृतिक तेल होता है, जिसे बुखार के वैक्सीन की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।

 

इन सब के बीच वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स द्वारा इस बात की चेतावनी दी गई है कि इस कार्य के लिए पूरी दुनिया में लगभग पांच लाख से अधिक शार्कों को मारा जा सकता है।

 

विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन मानव जाति के लिए बहुत आवश्यक है, किन्तु इससे शार्क मछली के जीवन पर खतरा मंडराता दिख रहा है।

 

इनका प्रजनन पहले ही कम होता है। शार्क मछलियों के संरक्षण के लिए कार्य करने वाली एक अमेरिकी संस्था ने दावा करते हुए कहा है कि यदि दुनियाभर के लोगों को कोरोना वैक्सीन की एक खुराक की आवश्यकता पड़ती है तो ढाई लाख शार्क को मारना पड़ सकता है, किन्तु यदि दो खुराक की जरूरत पड़ी तो पांच लाख शार्क का शिकार करना होगा।

 

इस संस्था से संबंधित विशेषज्ञों के मुताबिक, स्क्वालीन के लिए हम इतनी बड़ी मात्रा में शार्क को नहीं मार सकते। हमें नहीं पता कि महामारी कितने समय तक रहेगी और कितनी बड़ी होगी।

 

विशेषज्ञों का कहना है कि किसी चीज के लिए जंगली जीव को मारना सही नहीं होगा, विशेषकर तब जब इस जीव में प्रजनन बड़े स्तर पर नहीं होता हो।

 

हालांकि, उन्होंने कहा कि वह वैक्सीन तैयार करने की प्रोसेस को धीमा करना नहीं चाहतीं बल्कि चाहती हैं कि बगैर जानवर वाले Squalene की टेस्टिंग भी साथ-साथ हो।