केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 13,058 नए कोरोनोवायरस संक्रमण दर्ज किए, जो 231 दिनों में सबसे कम है, जो सीओवीआईडी -19 मामलों की कुल संख्या 3,40,94,373 है।
सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, 164 ताजा मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,52,454 हो गई, जबकि सक्रिय मामले घटकर 1,83,118 हो गए, जो 227 दिनों में सबसे कम है।
नए सीओवीआईडी -19 संक्रमणों में दैनिक वृद्धि 25 सीधे दिनों के लिए 30,000 से नीचे रही है और 50,000 से कम दैनिक नए मामले लगातार 114 दिनों तक दर्ज किए गए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामलों में कुल संक्रमणों का 0.54 प्रतिशत शामिल है, जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम है, जबकि राष्ट्रीय COVID-19 वसूली दर 98.14 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है।
24 घंटे की अवधि में सक्रिय COVID-19 केसलोएड में 6,576 मामलों की कमी दर्ज की गई है।
देश में COVID-19 का पता लगाने के लिए अब तक किए गए कुल संचयी परीक्षणों को 59,31,06,188 तक ले जाते हुए सोमवार को 11,81,314 परीक्षण किए गए।
दैनिक सकारात्मकता दर 1.11 प्रतिशत दर्ज की गई थी। पिछले 50 दिनों से यह तीन फीसदी से भी कम है। साप्ताहिक सकारात्मकता दर भी 1.36 प्रतिशत दर्ज की गई। मंत्रालय के मुताबिक पिछले 116 दिनों से यह तीन फीसदी से नीचे है।
बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3,34,58,801 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गई।
राष्ट्रव्यापी COVID-19 टीकाकरण अभियान के तहत अब तक देश में प्रशासित संचयी खुराक 98.67 करोड़ से अधिक हो गई है।
भारत का COVID-19 टैली 7 अगस्त, 2020 को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख को पार कर गया था। यह 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख को पार कर गया था। 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार किया।
भारत ने 4 मई को दो करोड़ और 23 जून को तीन करोड़ के गंभीर मील के पत्थर को पार कर लिया।
164 नए लोगों में केरल के 60 और महाराष्ट्र के 27 लोग शामिल हैं।
देश में अब तक कुल 4,52,454 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें महाराष्ट्र से 1,39,816, कर्नाटक से 37,953, तमिलनाडु से 35,912, केरल से 26,925, दिल्ली से 25,089, उत्तर प्रदेश से 22,898 और पश्चिम बंगाल से 18,989 मौतें हुई हैं।
मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरुग्णता के कारण हुईं।
मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलान किया जा रहा है।” आंकड़ों का राज्यवार वितरण आगे सत्यापन और सुलह के अधीन है।