भारत अपनी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के निर्माण और उत्पादन क्षमता की झलक पेश करेगा। इसके मद्देनजर दुनिया के करीब 60 से ज्यादा देशों के राजदूत और वरिष्ठ राजनयिक बुधवार को हैदराबाद में दो देसी कंपनियों को देखने के लिए जाएंगे।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, विदेश मंत्रालय के साथ जा रहा विदेशी राजनयिकों का यह दल भारत-बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई देसी कंपनियों का दौरा करेगा।
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। बता दें कि ये दोनों कंपनियां कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन निर्माण और उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है।
भारत-बायोटेक ने जहां को-वैक्सीन नामक टीका विकसित किया है। वहीं, दूसरी तरफ बायोलॉजिकल-ई कंपनी के साथ अमेरिका के ओहायो स्टेट इनोवेशन फंड ने नई वैक्सीन तकनीक में साझेदारी बनाई है।
सूत्रों ने बताया कि यह इस तरह की पहली यात्रा है और इसके बाद अन्य शहरों में कोरोना महामारी को लेकर सुविधाओं का दौरा किया जाएगा।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है और COVID-19 महामारी के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। सूत्रों ने कहा कि भारत वैक्सीन के विकास और इसके निर्माण के लिए किए जा रहे प्रयासों में काफी दिलचस्पी दिखा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस संकट से लड़ने में लोगों की मदद के लिए वैक्सीन के उत्पादन और वितरण में भारत की क्षमता का उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने अहमदाबाद में Zydus Biotech Park, हैदराबाद में Bharat Biotech और 28 नवंबर को पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में वैक्सीन के विकास और विनिर्माण प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा करने के लिए दौरा किया था।
30 नवंबर को, उन्होंने गेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड पुणे, जैविक ई लिमिटेड हैदराबाद और डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज लिमिटेड हैदराबाद की टीमों के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी। ये तीनों टीमें COVID-19 के टीके के विकास और निर्माण पर काम कर रही हैं।