गुजरात में कोरोना का कहर: श्मशान घाटों पर भीड़!

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गुजरात में कोरोना ने कहर बरपा रखा है। हाल ये हैं कि सूरत के श्मशान घाटों पर चौबीसों घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, यहां चिताओं की गर्मी से भट्‌ठियों की चिमनियां तक पिघल गई हैं। यहां बीते 8-10 दिनों से दिन-रात शव आ रहे हैं। इनका कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

शहर के अश्विनी कुमार और रामनाथ घेला श्मशान घाट में सब से ज्यादा शव पहुंच रहे हैं। श्मशान के प्रमुख हरीशभाई उमरीगर का कहना है कि रोजाना 100 से ज्यादा लाशाें का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।


सूरत में कोरोना से मरने वालों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए तापी नदी के तट पर कैलाश मोक्षधाम को फिर से शुरू कर दिया गया है।

यह पिछले 14 साल से बंद था। पिछले तीन दिनों में यहां 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।


श्मशान में 3-4 घंटों की वेटिंग चल रही है और इसी के चलते अब आसपास के शहरों में शव भेजे जा रहे हैं।

श्मशान में वेटिंग बढ़ने के कारण कोरोना से मरने वालों का बारडोली के श्मशान में अंतिम संस्कार कराने का निर्णय लिया गया है। सोमवार को 5 शव बारडोली भेजे गए। इसी तरह रविवार को भी 6 शव बारडोली भेजे गए थे।


सूरत शहर में रांदेर के दो और रामपुरा के एक कब्रिस्तान में कोरोना से मरने वालों को दफनाया जा रहा है। तीनों कब्रिस्तान में सामान्य दिनों में दो से तीन मैय्यत आती थीं, लेकिन, अब रोजाना 10 से 12 शव आ रहे हैं।

मोरा भागल कब्रिस्तान की देखरेख करने वाले इब्राहिमभाई ने बताया कि हम एडवांस में कब्र खुदवा रहे हैं। शव आने के बाद कब्र की खुदाई करेंगे तो दो दिन लगेंगे।

राज्य में 24 घंटे में 6,000 से ज्यादा केस आएराज्य में सोमवार को 6,021 लोग कोरोना संक्रमित मिले। 2,854 लोग रिकवर हुए और 55 की मौत हो गई।

अब तक यहां 3.53 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 3.17 लाख ठीक हो चुके हैं, जबकि 4855 मरीजों की मौत हो गई। 30,680 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।