यूपीएससी प्रीलिम्स 2020 की कट ऑफ कम रहने की संभावना!

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कोरोना वायरस (COVID 19) महामारी के दौर में तमाम उतार-चढ़ाव के बीच संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सर्विेसेज की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन कल पूरा हुआ।

 

चूंकि यूपीएससी मुख्य परीक्षा ओर प्रारंभिक परीक्षाओं के बीच बहुत ही कम गैप बचा ऐसे में एक विचार यह है कि तैयारी के हिसाब प्रारंभिक परीक्षा में छात्रों को काफी कम अंक मिल सकते हैं।

 

जिन अभ्यर्थियों को अपने चयन को लेकर पूरा भरोसा रहा होगा वे बिना किसी हिचकिचाहट के प्रारंभिक परीक्षाओं की बजाए मुख्य परीक्षा की तैयारियों पर ध्यान दिया होगा।

 

फिर भी प्रारंभिक परीक्षा का जो दबाव होता है उसे ध्यान में रखते हुए छात्रों ने एक निर्धारित समय प्रारंभिक परीक्षाओं की तैयारी में दिया होगा।

 

हालांकि यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के कट-ऑफ का अनुमान लगाना आसान बात नहीं है, लेकिन ऐसी कुछ परिस्थितियां हैं जो कि बता रही हैं कि कट ऑफ काफी नीचे रहेगा।

 

सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की बात करें तो 2018 और 2019 में इनका यूपीएससी प्रीलिम्स का कट ऑफ 98 रहा। जबकि 2017 की प्रीलिम्स में यह 105 था। 2018 में समसामायिक अध्ययन से अधिक प्रश्न से थे जबकि विषयों से कम।

 

अब बात करें इस साल के कट ऑफ की तो विषयों के अनुपात और अंकों में कोई बहुत भिन्नता नहीं दिखी। पिछले साल 15 प्रश्न राजनीति से थे तो इस साल 16 प्रश्न थे।

 

पिछले साल 14 प्रश्न अर्थशास्त्र से तो इस साल भी। वहीं सामान्य विज्ञान के प्रश्न पिछले साल 7 थे तो इस साल 14 प्रश्न थे। विषय के हिसाब से देखें तो पेपर में काफी समानता दिखती है।

 

इन सब के अलावा इस साल 50 फीसदी से ज्यादा अभ्यर्थियों ने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा छोड़ दी है। यह भी कट ऑफ कम रहने का एक कारण हो सकता है।

 

अभ्यर्थियों को सलाह है कि पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के बदलते ट्रेंड, कट ऑफ मार्क आदि को ध्यान में रखकर तैयारी करें। जो इस साल प्रीलिम्स नहीं क्लीयर कर पाएंगे वे अब अगले साल के लिए एक मजबूत रणनीति के साथ तैयारी करें।

 

जिन छात्रों की प्रीलिम्स क्लीयर होता है वे मुख्य परीक्षा में पहले से ही लग चुके होंगे। क्योंकि अब मुख्य परीक्षा के लिए समय बहुत कम है।

 

साभार- हिन्दुस्तान