करीब 10 करोड़ MobiKwik उपयोगकर्ताओं का डाटा चोरी होने की संभावना!

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हैकरों ने दावा किया है कि उन्होंने मोबिक्विक के 9.9 करोड़ भारतीय प्रयोगकर्ताओं के डाटा उड़ा लिया है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इनमें इन लोगों के मोबाइल फोन नंबर, बैंक खाते का ब्योरा, ई-मेल और क्रेडिट कार्ड नंबर शामिल हैं।

हालांकि, भुगतान कंपनी ने इसका जोरदार खंडन किया है। साइबर सुरक्षा विश्लेषक राजशेखर राजहरिया ने इस डाटा लीक को उजागर किया है।

मोबिक्विक एक पेमेंट एप है, जिससे हर रोज 10 लाख से भी अधिक ट्रांजेक्शन होते हैं।

मोबिक्विक का इस्तेमाल करके फोन रिचार्ज किया जा सकता है, बिल जमा किए जा सकते हैं और कई जगहों पर भुगतान भी किया जा सकता है।

मोबिक्विक से मौजूदा समय में करीब 30 लाख से भी अधिक ट्रेडर्स और रिटेलर्स जुड़े हुए हैं।

मोबिक्विक में सिकोइया कैपिटल और बजाज फाइनेंस लिमिटेड का बड़ा निवेश है। इस कंपनी का सीधा मुकाबला, वाट्सएप पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम जैसे पेमेंट एप्स के साथ है।

साइबर सुरक्षा विश्लेषक राजशेखर राजहरिया ने इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम, पीसीआइ मानक और भुगतान प्रौद्योगिकी कंपनियों को भी लिखित में सूचित किया है।

एक हैकर समूह जार्डनेवन ने डाटाबेस का लिंक पीटीआइ को भी ई-मेल किया है। इस समूह ने कहा है कि उसका इरादा इस डाटा का इस्तेमाल करने का नहीं है।

समूह ने कहा कि उसका इरादा सिर्फ कंपनी से पैसा लेने का है। उसके बाद वह अपनी ओर से इस डेटा को डिलीट कर देगा।

जार्डनेवन ने मोबिक्विक के संस्थापक बिपिन प्रीत सिंह और मोबिक्विक की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उपासान ताकू का ब्योरा भी डाटाबेस से साझा किया है।