टीका परीक्षण में भाग लेने के कुछ दिनों बाद भोपाल में वाॅलंटियर की मौत!

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भारत बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा बनाई गई स्वदेशी कोरोना वैक्सीन (कोवैक्सीन) का 7 जनवरी को फाइनल ट्रायल पूरा हुआ है।

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, देशभर में 26 हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का ट्रायल टीका लगाया गया। लेकिन, इसके अगले ही दिन शुक्रवार को बड़ी खबर आई।

भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में 12 दिसंबर को कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने वाले 47 वर्षीय वाॅलंटियर दीपक मरावी की 21 दिसंबर को मौत हो चुकी है।

वे टीला जमालपुरा स्थित सूबेदार कॉलोनी में अपने घर में मृत मिले थे। 22 दिसंबर को उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट में शव में जहर मिलने की पुष्टि हुई है।

शुक्रवार को दीपक के 18 वर्षीय बेटे आकाश मरावी ने दैनिक भास्कर को पिता की मौत की जानकारी दी।

हालांकि मौत कोवैक्सीन का टीका लगवाने से हुई या किसी अन्य कारण से, इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद होगी। दीपक के शव का विसरा पुलिस को सौंप दिया गया है।

पुलिस विसरे का कैमिकल एनालिसिस कराएगी। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। आकाश ने बताया कि पिताजी दीपक मरावी को 19 दिसंबर को अचानक घबराहट, बैचेनी, जी मिचलाने के साथ उल्टियां होने लगी।

लेकिन, उन्होंने इसे सामान्य बीमारी समझकर उसका कहीं इलाज नहीं कराया।हमीदिया के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकोलीगल में दीपक मरावी का पोस्टमार्टम हुआ।

इसकी प्राइमरी रिपोर्ट में मौत की वजह संदिग्ध जहर के कारण हार्टअटैक से होना बताया गया है।

पीपुल्स मेडिकल कॉलेज की थर्ड फेज क्लीनिकल ट्रायल टीम ने शुक्रवार दोपहर को दीपक के मोबाइल फोन पर वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए फोन किया।

यह कॉल आकाश ने रिसीव किया। उन्होंने टीम को पिता के निधन की फिर से सूचना दी। इसके बाद एग्जीक्यूटिव ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया।