भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआइ) ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में एचआइवी संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दवाओं के मिश्रण के सीमित प्रयोग को मंजूरी दे दी है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।सरकारी सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य संबंधी शोध कार्यो की शीर्ष संस्था भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने सांस संबंधी इस बीमारी के इलाज में दो दवाओं के मिश्रण के सीमित इस्तेमाल के लिए डीजीसीआइ से आपात अनुमति मांगी थी। ये दवा हैं-लोपिनेविर और रिटोनेविर।
आइसीएमआर के एक अधिकारी ने बताया कि हमने इन दवाओं को लेकर कुछ अध्ययन किए हैं और पाया है कि कोरोना वायरस के इलाज में इन दवाओं का मिश्रण कारगार साबित हो सकता है।
इस कांबिनेशन का कुछ अन्य दवाओं के साथ चीन में भी प्रयोग किया जा रहा है। थाइलैंड में इसके इस्तेमाल से कोरोना वायरस के एक मरीज का सफलतापूर्वक इलाज भी हो चुका है। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों दवाओं के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर को मरीज की मंजूरी लेनी पड़ती है।
बता दें कि भारत में अब तक तीन मरीजों के कोरोना वायरस से पीडि़त पाया गया है। ये तीनों ही मामले केरल में सामने आए हैं। इनमें एक छात्रा और दो छात्र हैं, जो कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान शहर में पढ़ाई कर रहे थे और हाल ही में वहां से लौटे थे।
इन्हें विभिन्न अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है और उनकी हालत स्थिर बताई गई है। इसके अलावा कोरोना वायरस के लक्षण वाले कई लोगों को भी चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है, हालांकि, तीन को छोड़कर देश में कोरोना वायरस का कोई दूसरा मामला सामने नहीं आया है।