‘डील अॉफ सेंचुरी’ का मक़सद फलस्तीन की आकांक्षाओं को बर्बाद करना है!

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फिलिस्तीनी संगठन हमास ने एक संयुक्त बयान जारी करके, बहरैन में आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने वाले अरब देशों की आलोचना की है।

हमास के प्रवक्ता फ़ौज़ी बरहूम ने कहा कि मनामा सम्मेलन में कुछ अरब देशों द्वारा भाग लेने का फैसला, इस सम्मेलन के विरोध में सभी फिलिस्तीनियों के रुख के विपरीत है क्योंकि मनामा सम्मेलन, द डील आफ द सेन्चुरी को लागू करने का एक भाग है और इस डील का उद्देश्य, फिलिस्तीनी आकांक्षा को पूरी तरह से तबाह करना है।

हमास के प्रवक्ता ने इस बयान में मनामा सम्मेलन के बहिष्कार की अपील की और इस्राईल के साथ संबंध सामान्य बनाने की हर कोशिश का कड़ाई के साथ विरोध किया।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, फ़ौज़ी बरहूम ने कहा कि हमास आंदोलन फिलिस्तीनी विरोधी, अमरीकी व इस्राईली योजनाओं का बहिष्कार करता है।

याद रहे अमरीका और बहरैन की घोषणा की है कि मनामा सम्मेलन, सेंचुरी डील को लागू करने की दिशा में पहला क़दम है जो 25-26 जून को बहरैन की राजधानी मनामा में आयोजित होगा।

द डील आफ द सेन्चुरी नामक अमरीकी योजना के अंतर्गत, बैतुलमुक़द्दस को इस्राईल को दिये जाने, फिलिस्तीनी शरणार्थियों को दूसरे देशों से वापसी का अधिकार न देने तथा फिलिस्तीनी देश को , केवल पश्चिमी तट के बचे भाग और गज़्जा पट्टी पर गठित करने का कार्यक्रम है जिसका फिलिस्तीनी कड़ा विरोध कर रहे हैं।