दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में एनपीआर (NPR) के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया है। बता दें इससे पहले इस पर चर्चा करते वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा है कि मेरी कैबिनेट के पास नहीं है जन्म प्रमाण-पत्र न ही मेरे पास जन्म प्रमाण-पत्र है।
केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि मेरे पास और मेरी पत्नी के पास भी जन्म प्रमाण पत्र नही हैं। उन्होंने कहा कि मेरे मम्मी और पापा के पास भी नही है। 70 लोगों की इस विधानसभा में केवल 61 लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नही है।
तो क्या सभी को डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा। देश के अधिकतर मुख्यमंत्रियों के पास भी जन्म प्रमाण पत्र नही है। सनाउल्लाह खान सहित कई लोगों को असम में डिटेंशन सेंटर में डाला गया है।11 राज्यों की विधानसभाओं ने कह दिया है कि npr और ncr नही लागू होना चाहिए। मुख्यमंत्री के वक्तव्य के साथ सदन में गोपाल राय द्वारा रखा गया प्रस्ताव पास किया गया। राय के प्रस्ताव के अनुसार npr और nrc को वापस लिया जाए। npr आदि आता है तो इसे 2010 के फार्मेट में लाया जाए।
बता दें इससे पहले दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। आज एनआरसी, एनपीआर और कोरोना वायरस को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। प्रस्ताव पेश करते हुए गोपाल राय ने कहा कि NPR-NRC से सिर्फ किसी एक समुदाय को धोखा नहीं हैं बल्कि भारत के हर एक नागरिक की नागरिकता को धोखा है। अगर हमारे पास कागज नहीं है तो क्या हम अपने ही देश में बाहरी घोषित किये जायेंगे?
इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा कि एनपीआर का एक ही उद्देश्य है कि इसे एनआरसी में बदल दिया जाएगा। एनपीआर के जरिए केंद्र सरकार पीछे के दरवाजे से एनआरसी लाने की कोशिश कर रही है।