दिल्ली: फर्जी कागजात पर 2.5 करोड़ रुपये का लोन!

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दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने फर्जीवाड़े में पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व मुख्य प्रबंधक सहित तीन को गिरफ्तार किया है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, आरोपितों ने मिलीभगत कर प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज पर 2.50 करोड़ रुपये का लोन ले बैंक को चूना लगाया था। उनकी पहचान पूर्व मुख्य प्रबंधक शैलेंद्र कुमार, कार वॉशर सुनील सरकी और ट्रक चालक अंकित सांगवान के रूप में हुई है। शैलेंद्र ने सामान तरीके से कई ठगी कर रखी है।

उसके खिलाफ पुलिस में अलग-अलग छह मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस अन्य की संलिप्तता की जांच कर रही है।इओडब्ल्यू के संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. ओ.पी. मिश्रा ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों ने ठगी की शिकायत पुलिस में की थी।

शिकायत में कहा गया था कि सरकी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक सुनील सरकी ने कथित तौर बताया था कि उसकी कंपनी का कपड़े का कारोबार है।

उसने बैंक की नजफगढ़ शाखा से प्रॉपर्टी के फर्जी कागजात के आधार पर वर्ष 2013 में 2.50 करोड़ रुपये का लोन लिया था। बाद में उसने लोन नहीं चुकाए।

बैंक की छानबीन में पता चला कि उसके और गारंटर का पता भी फर्जी है। इस संबंध में नजफगढ़ थाने में दर्ज मुकदमे को नवंबर 2018 में इओडब्ल्यू को स्थानांतरित किया गया था।

इओडब्ल्यू द्वारा मामले की जांच करने पर ठगी में बैंक के पूर्व मुख्य प्रबंधक शैलेंद्र कुमार की मिलीभगत सामने आई। वहीं पता चला कि शैलेंद्र चूंकि बैंक की प्रणाली से अच्छी तरह परिचित था।

लिहाजा उसने आरोपित अंकित सांगवान, सुनील सरकी और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर एक फर्जी कंपनी के नाम से बैंक में खाता खुलवाया था। सरकी ट्रेडिंग कंपनी का मालिक कार धोने वाले सुनील सरकी को बनाया गया था।

उसने संपत्ति के जाली दस्तावेजों के आधार पर बैंक से 2.50 करोड़ रुपये के लोन की मांग की थी।

बैंक से लोन स्वीकृत होने के बाद आरोपितों ने रुपये हड़प लिए थे। बाद में ठगी के आरोपितों को इंस्पेक्टर मुकेश कुमार की टीम ने 22 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया।