अमरीकी अख़बार न्यूयार्क टाइम्ज़ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें दिल्ली में हुए मुसलमानों के क़त्लेआम का जिक्र किया गया है। न्यूयार्क टाइम्ज़ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सुबूत से यह मालूम होता है कि मुसलमानों के क़त्लेआम के दौरान उनकी हत्या करने और उनके घरों को निशाना बनाने में दिल्ली पुलिस ने सामूहिक रूप से मुसलमानो के ख़िलाफ़ काम किया और सक्रिय रूप से हिंदू भीड़ की मदद की। ज्ञात रहे कि दिल्ली में चरमपंथी हिंदुओं के हाथों हुए मुसलमानों के क़त्लेआम में 50 से अधिक लोगों की जानें चली गईं।
Explain this @IPS_Association and we all will condemn NYTimes articles. If you can not, just accept that @DelhiPolice was hand in glove with rioters. PERIOD https://t.co/3EhTPK0hmp pic.twitter.com/H0mPEgQWXe
— RJ Fahad (@rjfahad) March 12, 2020
इस क़त्लेआम के दौरान मस्जिदों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग लगाई गई जबकि कुछ स्थानों पर हिंदुओं की दुकानें भी जलाई गईं। दंगे में 15 हिंदू भी मारे गए थे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली पुलिस की कई वीडियोज़ सामने आ चुकी हैं जिनमें मुसलमान प्रदर्शनकारियों पर हमला करते हुए और हिंदू भीड़ को हमले के लिए प्रोत्साहित करते हुए पुलिस को देखा जा सकता हैं।
https://twitter.com/AAMJKASHMIR2/status/1238426074259820544?s=20
इस रिपोर्ट में पुलिस अफ़सर का हवाला देते हुए कहा गया है कि जैसे ही चरमपंथी हिंदुओं ने हमला शुरू किया हमें अधिकारियों की ओर से आदेश मिला की हम अपनी बंदूक़ें थाने में रख दें।
रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि नरेन्द्र मोदी की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय पुलिस को राजनीति से दूषित कर दिया है और इस आरोप के लिए भारत के एक स्कूल प्रिंसिपल का हवाला दिया गया है जिन्हें देश के नए विवादित नागरिक संशोधन क़ानून के बारे में स्टेज प्ले करने पर राजद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया गया।