दिल्ली हिंसा: 15 आरोपीयों के खिलाफ़ चार्जशीट दाखिल किया गया!

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बुधवार को कड़कड़डूमा अदालत में फरवरी में हुए दंगों के मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ एक आरोपपत्र (चार्जशीट) दायर की।

 

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट इन पर छपी खबर के अनुसार, तकनीकी साक्ष्यों को एकत्र करने के साथ ही 747 गवाहों से पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया है।

 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली हिंसा के 15 आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA), भारतीय दंड संहिता (IPC) और शस्त्र अधिनियम (आर्म्स एक्ट) की विभिन्न धाराओं के तहत अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया है।

 

चार्जशीट में आम आदमी पार्टी के निष्कासित नेता ताहिर हुसैन, पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कालिता और नताशा नरवाल, पीएफआई नेता परवेज अहमद और मोहम्मद इलियास के नाम शामिल हैं।

 

इसके अलावा आरोपपत्र में एक्टिविस्ट सैफी खालिद, पूर्व-पार्षद इशरत जहां, जामिया के छात्र आसिफ इकबाल, मीरान हैदर और सफूरा जरगर, शादाब अहमद और तसलीम अहमद के नाम शामिल हैं।

 

हालांकि चार्जशीट में दिल्ली हिंसा के मामले में दायर की गई चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के नाम नहीं है।

 

उन्हें सांप्रदायिक हिंसा में साजिश करने के लिए कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया है। उनका नाम पूरक (सप्लीमेंट्री) चार्जशीट में होगा।

 

चार्जशीट में पुलिस ने कॉल डेटा रिकॉर्ड और अभियुक्तों के व्हाट्सएप चैट पर भरोसा किया है। पुलिस ने अन्य तकनीकी सबूत जुटाने के साथ ही 747 गवाहों से पूछताछ की है।

 

पुलिस ने चार्जशीट में सबूत के तौर पर 24 फरवरी के व्हाट्सएप चैट का जिक्र किया है। पुलिस ने कहा, ‘यह वो समय था, जब दंगे हो रहे थे। उस समय प्रमुख साजिशकर्ता अपने कार्यकतार्ओं को इलाके में हिंसा के लिए गाइड कर रहे थे। वे सीधे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के संपर्क में थे।’

 

पुलिस ने कहा कि साजिशकर्ताओं ने सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में हिंसा के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया, जो अब बंद हो गया है। प्रत्येक साइट के लिए 25 वॉट्सऐप समूह विशेष रूप से बनाए गए थे।

 

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के समर्थकों और इसका विरोध कर रहे लोगों के बीच 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में झड़प हो गई थी, जो कि हिंसा में बदल गई।

 

इस दौरान कम से कम 53 लोग मारे गए थे और लगभग 200 लोग घायल हुए थे। मामले में रविवार को उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल 24 सितंबर तक पुलिस हिरासत में है।