एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लॉकडाउन बढ़ाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने सुझाव दिया है कि सरकार यदि 14 अप्रैल को खत्म हो रहे 21 दिनों के राष्ट्रीय लॉकडाउन को बढ़ाने जा रही है तो उसे गरीबों के खातों में 5-5 हजार रुपए जमा कराना चाहिए।
गुरुवार कोसब ए बारात के मौके पर ऑनलाइन मीटिंग के दौरान ओवैसी ने कहा, ‘‘गरीब लोगों का कहना है कि लॉकडाउन में कोरोना से मरें या ना रहें भूख से जरूर मर जाएंगे।’’
Communalising the crisis of coronavirus is the direct violation of the WHO's guidelines pic.twitter.com/9G35sEcbCc
— AIMIM (@aimim_national) April 10, 2020
उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे कोरोना जिहाद को लेकर भी कहा- यह एकता को तोड़ने और देश को कमजोर करने की सोची-समझी चाल है।
“‘कोरोना जिहाद ट्विटर पर जानबूझकर तैयार किया गया ट्रेंड है। जो लोग ऐसी चीजें कर रहे हैं, वे देश को मजबूत नहीं कर रहे हैं। 1 जनवरी से 15 मार्च तक देश में 15 लाख लोग आए लेकिन आपने तब्लीगी जमात पर आपत्ति जताई? हमने 3 मार्च से स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी तो फिर वे कैसे आ गए? किसने स्क्रीनिंग की है और कौन इसके लिए जिम्मेदार है?’’
. @PMOIndia Unplanned lockdown has caused needless pain to India’s workers & migrants. If you’re extending this lockdown then ensure:
👉🏽Every worker gets ₹5k
👉🏽Excess food stock is released to feed hungry
👉🏽States get more cashFocus on saving lives, the economy is secondary https://t.co/IYH5BB41oP
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 11, 2020
प्रधानमंत्री की की ऑनलाइन मीटिंग में नहीं बुलाए जाने पर ओवैसी ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से पूछता हूं कि जिस भी पार्टी के पांच सांसद हैं, उन्हें आपने बुलाया है, लेकिन आप संसद में उन पार्टियों को बुला रहे हो जिनके पांच से कम सांसद हैं।
प्रधानमंत्री ने मुझे और औरंगाबाद के सांसद को नहीं बुलाया है। उन्होंने केरल से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के तीन सांसदों को भी नहीं बुलाया है। जबकि केरल में ही कोरोनोवायरस के पहले तीन मामले सामने आए थे।”