बड़ी खबर: अयोध्या महोत्सव की अनुमति को प्रशासन ने किया रद्द, शर्तों का किया था उल्लंघन!

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राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में चल रहे अयोध्या महोत्सव की अनुमति प्रशासन ने रद्द कर दी है। इसे लेकर आयोजकों में हलचल है। नगर मजिस्ट्रेट ने जिला विद्यालय निरीक्षक व जीआईसी के प्रधानाचार्य की रिपोर्ट के आधार पर अनुमति में दी गई शर्तों का उल्लंघन करने व महोत्सव का व्यवसायीकरण करने का आरोप लगाते हुए अनुमति रद्द करने का आदेश जारी किया है।

आदेश से डीएम-एसएसपी समेत नगर कोतवाली तक अवगत कराया गया है। वहीं, आयोजक ऐसे किसी भी आरोप व आदेश मिलने से इंकार किया है। आदेश के पालन को लेकर प्रशासन-पुलिस भी असमंजस में है। उधर, 28 दिसंबर से चल रहे महोत्सव पर कोई असर नहीं दिख रहा है। सातवें दिन प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा भी महोत्सव में शामिल हुए।

शहर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में 28 दिसंबर से 6 जनवरी तक अयोध्या महोत्सव न्यास समिति द्वारा अयोध्या महोत्सव का आयोजन किया गया है।

शुरुआती दौर में ही इस मामले को लेकर कुछ लोग उच्च न्यायालय की शरण में भी गए थे। लेकिन प्रशासन ने समिति के अध्यक्ष व भाजपा नेता हरीश श्रीवास्तव के आवेदन पर सशर्त 22 बिंदुओं पर महोत्सव की अनुमति दी थी।

जिसमें उल्लेख था कि किसी भी बिंदु का उल्लंघन करने पर अनुमति स्वत: निरस्त मानी जाएगी। 28 दिसंबर से शुरू हुए अयोध्या महोत्सव में अनेक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। विभिन्न संगठनों की ओर से भी आयोजन में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। परिसर में कला गांव, अनेक प्रकार के झूले सहित कई अन्य वस्तुओं के स्टॉल भी सजे हैं।

जहां प्रतिदिन अनेक दिग्गजों सहित भारी संख्या में भीड़ जमा हो रही है। 29 दिसंबर को ही जीआईसी के प्रधानाचार्य एसएन तिवारी ने महोत्सव की अनुमति के दौरान दी गई शर्तों का उल्लंघन करने की शिकायत जिला प्रशासन से की।

जिसमें उन्होंने अवगत कराया कि अनुमति में विद्यालय में पठन-पाठन के दौरान लाउडस्पीकर का प्रयोग न करने, बच्चों के लिए खेल का मैदान छोड़कर कार्यक्रम कराने व महोत्सव का व्यवसायीकरण न करने सहित अन्य शर्त रखी गई थी।

जबकि महोत्सव समिति द्वारा पठन-पाठन की अवधि में लाउड स्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है। बच्चों के खेल मैदान को भी अधिगृहीत किया गया है। साथ ही महोत्सव का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। जिससे अनुमति स्वत: निरस्त होने योग्य है। प्रधानाचार्य की शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक से भी आख्या मांगी गई।

डीआईओएस राज बहादुर सिंह चौहान ने आख्या में अवगत कराया कि आयोजक ने सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के लिए मांगी गई शर्तानुसार अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया है और कार्यक्रम का व्यवसायीकरण कर दिया गया है। फलस्वरूप डीआईओएस व प्रधानाचार्य की आख्या के क्रम में नगर मजिस्ट्रेट ने अयोध्या महोत्सव की अनुमति निरस्त करने का निर्देश दिया है।

अयोध्या महोत्सव की अनुमति रद्द करने का निर्देश देते हुए नगर मजिस्ट्रेट ने पुलिस प्रशासन को भी अवगत कराया है। बाकायदा इसकी प्रतिलिपि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक नगर, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर व अन्य को भी प्रेषित की है। जबकि पुलिस क्षेत्राधिकारी धनंजय कुशवाहा ने ऐसे किसी भी आदेश की जानकारी से इंकार किया।

प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर विनोद बाबू मिश्र ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से महोत्सव रद्द होने की सूचना मिली है, लेकिन कार्रवाई का कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। अयोध्या महोत्सव न्याय के अध्यक्ष व आयोजक हरीश श्रीवास्तव ने बताया कि अनुमति में दी गई शर्तों का अनुपालन किया जा रहा है। प्रधानाचार्य जीआईसी द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया गया था।

नगर मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेश की जानकारी नहीं है, न ही किसी अधिकारी ने किसी प्रकार की सूचना ही दी है। नगर मजिस्ट्रेट वैभव कुमार शर्मा ने बताया कि अयोध्या महोत्सव की अनुमति के लिए दी गई शर्तों का आयोजक मंडल ने उल्लंघन किया है। जिला विद्यालय निरीक्षक और प्रधानाचार्य जीआईसी की आख्या के आधार पर अनुमति स्वत: निरस्त हो गई है। इसकी सूचना आयोजक मंडल को दी गई है।

साभार- ‘अमर उजाला’