घबराने की जरूरत नहीं है, खाने-पीने और दवाओं के स्टॉक मौजूद हैं- अमित शाह

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कोरोना संक्रमण का मुकाबला करने के लिए लागू लॉकडाउन और उससे उत्पन्न हालात की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार खुद समीक्षा कर रहे हैं।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, तरफ शाह के निर्देश पर मंत्रालय के अधिकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ तालमेल कायम करते हुए लगातार काम में जुटे हैं।

 

दूसरी तरफ, गृह मंत्री की अगुआई वाली समितियां भी सुनिश्चित कर रही हैं कि गरीबों को किसी तरह की परेशानी न हो।

 

अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी तो सोमवार को अपने कार्यालय लौटे, लेकिन गृह मंत्रालय में लॉकडाउन के दौरान भी लगातार कामकाज चलता रहा।

 

इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लिया। पिछले तीन सप्ताह के दौरान हुईं केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठकों में भी उन्होंने भाग लिया।

 

साथ ही अर्धसैनिकों बलों में कोविड-19 से संक्रमित कर्मियों से उन्होंने व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। शाह के अलावा उनके दोनों जूनियर मंत्री जी. किशन रेड्डी और नित्यानंद राय भी नियमित रूप से कार्यालय आ रहे हैं और बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं।

 

दरअसल, गृह मंत्रालय इस वायरस से लड़ने के लिए जरूरी उपकरणों समेत करीब-करीब हर चीज के लिए राज्यों को परामर्श देने में मुख्य केंद्र के रूप में काम कर रहा है।

 

 

कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अलावा गृह मंत्रालय पर देशभर में जरूरी सामानों की नियमित आपूर्ति, प्रवासी कामगारों की बड़े पैमाने पर आवाजाही से उत्पन्न स्थिति की निगरानी, उनके लिए आश्रय, भोजन एवं स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने का भी जिम्मा है।

 

 

गृह मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कानून-व्यवस्था पर निगरानी रखने के साथ ही देशभर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है।

 

 

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के बड़े पैमाने पर पलायन करने से पैदा हुई स्थिति की निगरानी, उनके आश्रय, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की निगरानी का काम भी गृह मंत्रालय कर रहा है।

 

 

गृहमंत्री अमित शाह के अलावा दो राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और नित्यानंद राय लगातार मंत्रालय में आयोजित बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला सहित शीर्ष अधिकारी छुट्टियों और साप्ताहिक अवकाश के दिन भी कार्यालय में भाग लेते रहे हैं।