रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन – डी.आर.डी.ओ. हैंड सैनिटाइजर और वैंटिलेटर सहित चार जरूरी उपकरण तैयार करने में तेजी लाया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए हैंड सैनिटाइजर आमतौर से इस्तेमाल होता है। अब डी.आर.डी.ओ. ने अपने स्तर पर इसे विकसित किया है। कोविड-19 फेफड़े से जुडी कार्य प्रणाली को प्रभावित करता है इसलिए भविष्य की जरूरतों को ध्यान रखते हुए डी.आर.डी.ओ. के बायो-मेडिकल टेक्नोलॉजी सोसाइटी को बेहतर बनाया है। डी.आर.डी.ओ. के बेंगलुरू लैब में वेंटिलेटर विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। एक महीने में लगभग पांच हजार वेंटिलेटर का उत्पादन होगा लेकिन बाद में इसे दस हजार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रत्येक वेंटिलेटर इकाई पर करीब चार लाख रूपये खर्च होंगे।
नैनों परतों के दो लेयर के साथ पांच परत वाला एन 99 माक्स बेहद उन्नत है। डॉक्टरों, चिकित्सा और सफाईकर्मियों के लिए सुरक्षित सूट महत्वपूर्ण जरूरत होती है, जिसे कार्य के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। इससे पहले रक्षा अनुसंधान संगठन ने मेडिकल और पैरामेडिकलकर्मियों के लिए इस सुरक्षित सूट को पूर्ण सुरक्षित सूट में परिवर्तित किया है। इस सूट का डीआरडीओ में सटीक परीक्षण किया और इसे उपयुक्त पाया गया।