सऊदी अरब पर हमला: क्या ईरान से बड़े ज़ंग होने की उम्मीद है?

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सऊदी अरब की नामचीन तेल कंपनी अरैमको के दो संयंत्रों को शनिवार को ड्रोन हमले में निशाना बनाया गया। इससे अबकैक और खुरैश स्थित संयंत्रों में भीषण आग लग गई।

हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनियों में शुमार सऊदी अरैमको के तेल प्लांट पर हुए ड्रोन हमले की जिम्मेदारी ईरान समर्थित यमन के हाउती विद्रोहियों ने ली है। इस हमले के चलते क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है।

पूर्वी सऊदी अरब में स्थित अरैमको के अबकैक और खुरैश फैसिलिटी सेंटर पर शनिवार तड़के करीब चार बजे ड्रोन से हमले किए गए थे। हमले के बाद दोनों संयंत्रों से काले धुएं का गुबार उठता देखा गया।

सऊदी प्रेस एजेंसी ने गृह मंत्रालय के हवाले से बताया, ‘ड्रोन हमले के चलते अरैमको के अबकैक और खुरैश फैसिलिटी सेंटर में लगी आग को बुझाने में कंपनी की औद्योगिक सुरक्षा टीमें तुरंत जुट गई थीं।

दोनों जगहों पर आग पर काबू पाया जा चुका है।’ मंत्रालय ने कहा कि देश के पूर्वी हिस्से में हुए ड्रोन हमले को लेकर यह जांच की जा रही है कि इसके पीछे किसका हाथ है?

हाउती समर्थित अल-मसिराह टीवी के अनुसार, अबकैक और खुरैश स्थित तेल संयंत्रों को निशाना बनाने के लिए बड़ा अभियान चलाया गया था। इसमें दस ड्रोन शामिल किए गए थे।

हाउती विद्रोहियों ने यमन की सीमा से लगे सऊदी अरब में हाल के महीनों में हमले तेज कर दिए हैं। उसने पिछले माह भी अरैमको के एक नेचुरल गैस फेसिलिटी सेंटर पर हमला किया था।

हाउती विद्रोहियों ने गत जून में सऊदी अरब के एक एयरपोर्ट को ड्रोन से निशाना बनाया था। इसमें एक सऊदी नागरिक मारा गया था और 21 लोग घायल हुए थे। गत मई में हाउती विद्रोहियों ने सऊदी के दो ऑयल पंपिंग स्टेशन को भी निशाना बनाया था।