सीरिया में रुस के हमले से नया शरणार्थी संकट पैदा हुआ- एर्दोगन

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सीरिया के इदलीप प्रांत पर रूस और सीरिया की वायुसेना ने हवाई हमले किए। करीब 400 हवाई हमलों के बाद इदलीब के हजारों लोग अपना घर छोड़ भाग गए हैं और कई हजार भागने की कोशिश में हैं।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोवान ने कहा कि सीरिया के इदलीब प्रांत में रूस के हमले की वजह से एक नया शरणार्थी संकट पैदा हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुर्की नए शरणार्थियों को अपने देश में जगह नहीं देगा।

फिलहाल दस हजार से ज्यादा लोगों ने इलाका छोड़ दिया है। अगर इदलीब के निवासियों के प्रति हिंसा नहीं रुकी तो यह संख्या बढ़ती जाएगी। एर्दोवान ने कहा कि इसका असर यूरोपीय देशों पर पड़ेगा, खासकर इसका प्रभाव ग्रीस को महसूस होगा।

फिलहाल तुर्की में 37 लाख सीरियाई शरणार्थी आधिकारिक रूप से रह रहे हैं। तुर्की पहले भी यूरोपीय देशों से कह चुका है कि वह और शरणार्थियों को अपने देश में पनाह नहीं देगा।

तुर्की ने पहले सक्रिय रूप से सीरियाई शरणार्थियों को खतरनाक रास्ते को पार कर ग्रीस में घुसने से रोका था। इसके बदले उसे यूरोपीय संघ से कुछ अरब डॉलर की मदद मिलने की उम्मीद थी।

एर्दोवान ने यूरोपीय संघ पर आरोप लगाया कि तुर्की को अब तक कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई है। तुर्की का कहना है कि उसे अब भी छह अरब यूरो की मदद यूरोपीय संघ से मिलने की उम्मीद है।

हाल में सीरियाई कुर्दों पर तुर्की के हमले का अमेरिका और यूरोपीय संघ ने विरोध किया था। इन देशों ने कहा था कि सीरिया पर तुर्की के हमले ने हालात को अस्थिर कर दिया है। हालांकि तुर्की पर इसका खास असर नहीं हुआ।

एर्दोवान ने कहा, हम यूरोपीय देशों से कहते हैं कि वे अपनी शक्ति सीरिया में उठाए जा रहे तुर्की के सही कदमों की जगह इदलीब में हो रहे नरसंहारों को रोकने में लगाएं।