तुर्की के राष्ट्रपति ने अरामको पर हुए हमले में ईरान पर लगने वाले इल्ज़ाम को ख़ारिज कर दिया है। रजब तय्यब अर्दोग़ान ने कहा कि सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के तेल प्रतिष्ठान पर 14 सितंबर को हुए हमले में ईरान के लिप्त होने का इल्ज़ाम लगाना सही नहीं है।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने फ़ॉक्स न्यूज़ से इंटरव्यू में अरामको पर हुए हमले में ईरान के लिप्त होने के इल्ज़ाम को ख़ारिज करते हुए कहा कि मौजूद सुबूत से इसकी पुष्टि नहीं होती।
इसी तरह तुर्क राष्ट्रपति ने ईरान के ख़िलाफ़ अमरीकी पाबंदियों को निरर्थक बताते हुए कहा कि इन पाबंदियों से मुश्किल हल नहीं हुयी है।
ग़ौरतलब है कि यमन पर सऊदी अरब के 4 साल से ज़्यादा समय से हमले जारी हैं। सऊदी हमलों के जवाब में 14 सितंबर को यमनी सेना ने सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको की दो तेल रिफ़ाइनरियों बक़ीक़ और ख़रीस पर 10 ड्रोन विमानों से हमला किया।
इस कार्यवाही के बाद, यमनी सेना के प्रवक्ता यहया सरी ने बयान में कहा कि यह कार्यवाही यमन की लगभग पांच साल से जारी नाकाबंदी और अतिक्रमणकारी गठबंधन के अपराध के जवाब में यमनियों के वैध अधिकार के तहत अंजाम पायी है, लेकिन अमरीकी अधिकारी इस संबंध में ईरान के ख़िलाफ़ बारंबार निराधार इल्ज़ाम लगा रहे हैं।
उनका दावा है कि सऊदी तेल प्रतिष्ठान पर यमनी सेना के ड्रोन हमले के पीछे तेहरान का हाथ है। तेहरान ने इस दावे को कड़ाई से रद्द किया है।