‘एर्टुगरुल’: कड़ी मेहनत और ईमानदारी से रखी गई थी सल्तनत ए उस्मानिया की स्थापना!

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एर्टुगरुल के सीज़न एक, तीसरे एपिसोड में कहानी आगे की ओर बढ़ने लगती है। आगे जाकर कई मोड़ दिखाए जाते हैं।

 

सल्तनत ए उस्मानिया की स्थापना होने के लिए सुलेमान और उनके बेटे एर्टुगरुल में साफ़ दिखाई देता है।

 

 

सुलेमान अचानक अपने बड़े बेटे को बुलाते हैं और फिर छोटे बेटे एर्टुगरुल को सफ़र पर जाने की तैैयारी  के लिए कहते हैं। यह बात बड़े भाई को नागवार गुजरती है और वह काफी गुस्सा हो जाता है।

 

 

इधर एर्टुगरुल सफ़र की तैयारी में लग जाते हैं और फिर दुश्मनों का पीठ पीछे धोखा देने की साजिश भी रची जाने लगती है।

 

सफ़र पर निकलने से पहले एर्टुगरुल  हैं की अलीमा आने तक मौजूद रहे। वैसे हालात बता रहे होते हैं की उन दोनों के अंदर मोहब्बत पनपने लगी।