बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुद ही नहीं पता कि मेरी माता का जन्म कब हुआ था?
बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। कुछ ही देर में बिहार का बजट सदन में पेश किया जाएगा। उसके पहले विधानसभा में आज विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एनपीआर को काला कानून कह दिया।
इसका भाजपा सदस्यों ने विरोध किया। इसके साथ ही सदन में उस वक़्त अफ़रातफ़री मच गई जब कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा और राजद विधायकों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। इस हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट तक स्थागित करनी पड़ी।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, सदन से बाहर निकलने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा विधायकों पर सदन के अंदर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया।
साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार के एनपीआर पर दिए बयान का हवाला देते हुए कहा कि इसे लेकर नोटिफिकेशन क्यों कराया गया? उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में विपक्ष के सभी प्रश्नों का जवाब दिया और कहा कि एनपीआर पर राज्य सरकार केंद्र सरकार को पत्र भेज चुकी है। उन्होंने कहा की बिहार में एनआरसी-एनपीआर को लेकर माहौल बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सीएए का सभी दस्तावेज देखा है। सीएए तीन देशों की अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के लिए है और यह केंद्र का कानून है और ये सही है या गलत, ये अब तो सुप्रीम कोर्ट तय करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनपीआर के बारे में विधानसभा से सर्वसम्मति के बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा और आग्रह किया जाएगा कि 2010 के फॉर्मेट पर ही एनपीआर तैयार हो।
सीएम ने कहा कि मुझे खुद ही नहीं पता कि मेरी माता का जन्म कब हुआ था?
नीतीश कुमार ने कहा कि किसी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए। जहां तक सीएए का सवाल है सीएए तो साल 2003 में कांग्रेस लेकर आयी थी और 2004 में यह नोटिफाई हुआ था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में इसका समर्थन किया था। उस कमिटी में लालू यादव भी मौजूद थे और कपिल सिब्बल भी।