EVM हैकिंग: हैकर के दावे को चुनाव आयोग के टेक्निकल एक्सपर्ट ने खारिज किया

,

   

नई दिल्ली:  ईवीएम (EVM) को लेकर भारतीय मूल के हैकर के कथित दावे को भारतीय निर्वाचन आयोग के शीर्ष टेक्निकल एक्सपर्ट डॉ. रजत मूना ने खारिज किया है. उन्होंने हैकर के दावे को बेबुनियाद बताया है. आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर और चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के मेंबर डॉ. रजत मूना ने कहा है कि ईवीएम मशीनों से किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं हो सकती. ये मशीनें टेंपर प्रूफ हैं. उन्होंने एनडीटीवी के साइंस एडिटर पल्लव बागला से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनें ऐसी Stand Alone मशीनें हैं, जिनमें किसी भी प्रकार के वायरलेस संचार के माध्यम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. ये मशीनें टेंपर प्रूफ हैं. दरअसल हैकर ने लंदन में प्रेस कांफ्रेंस कर  दावा किया था कि भारतीय ईवीएम मशीनें हैक हो सकती हैं.  2014 के लोकसभा  और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उसने ईवीएम हैक की थी. इसके लिए भारतीय राजनीतिक दलों के नेताओं ने संपर्क किया था. हैकर ने ईवीएम में ट्रांसमीटर के जरिए कथित हैकिंग का दावा किया था.

विपक्ष ने ईवीएम पर बनाई समिति

विपक्ष की एकता दिखाने के लिए कोलकाता में आयोजित ममता बनर्जी की रैली में चुनाव सुधारों पर चार सदस्यीय समिति का शनिवार को गठन किया गया. इन दलों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर ईवीएम से छेड़छाड़करने के आरोप लगाए हैं. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि ईवीएम की कार्यप्रणाली के मूल्यांकन और किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के उपाय ढूंढने के अलावा यह समिति लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को चुनाव सुधारों के बारे में भी सुझाव देगी. तृणमूल कांग्रेस द्वारा यहां आयोजित संयुक्त विपक्ष की रैली में शामिल 14 राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं के लिये चाय पार्टी की मेजबानी करने के बाद उन्होंने यह घोषणा की.

उन्होंने कहा कि समिति में अभिषेक मनु सिंघवी (कांग्रेस), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), सतीश चंद्र मिश्रा (बहुजन समाज पार्टी) और अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी) क्रियान्वयन के लिये अपनी अनुशंसा चुनाव आयोग को देंगे और वीवीपीएटी के व्यापक इस्तेमाल के लिये दबाव बनाएंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने रैली को संबोधित करते हुए ईवीएम को ‘चोर मशीन’ बताया. उन्होंने कहा, ‘‘ईवीएम चोर मशीन है. ईमानदारी से कहें तो ऐसा है. इसका इस्तेमाल खत्म किया जाना चाहिए. कहीं भी दुनिया में इस मशीन का इस्तेमाल नहीं हो रहा.”

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को निर्वाचन आयोग और राष्ट्रपति से संपर्क करना चाहिए जिससे ईवीएम का इस्तेमाल रोका जा सके और पारदर्शिता के लिये मत पत्रों के इस्तेमाल की पुरानी व्यवस्था को वापस लाया जा सके.