पूर्व अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार से उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके दो सहयोगियों को सामूहिक बलात्कार के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला पर भी 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
लखनऊ की विशेष सांसद/विधायक अदालत ने दो दिन पहले सामूहिक बलात्कार के मामले में प्रजापति को दोषी करार दिया था और उनके दो सहयोगियों को भी दोषी ठहराया था।
विशेष एमपी/एमएलए अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार राय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 482/378/407 के तहत फैसला सुनाया।
इस मामले में प्रजापति समेत सात लोगों को आरोपित किया गया था।
यह मामला चित्रकूट की एक महिला द्वारा समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री और उनके साथियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाने वाली एक शिकायत से संबंधित है।
महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसकी नाबालिग बेटी से भी जबरदस्ती दुष्कर्म किया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद, 18 फरवरी, 2017 को प्रजापति और छह अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
सभी सातों पर सामूहिक बलात्कार, जान को खतरा और पॉक्सो अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था।
शिकायत के बाद 18 मार्च, 2017 को प्रजापति को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह, चंद्रपाल और रूपेश्वर अन्य आरोपित थे।
हालांकि, अदालत ने अपनी पिछली सुनवाई के दौरान इन चारों को बरी कर दिया था।