जानिए, क्या चेहरे को बदलने वाले ऐप का इस्तेमाल करना इस्लाम में जायज़ नहीं?

   

हाल के दिनों में एक फोटो ऐप बेहद प्रचलित हो रहा है। जिसका नाम फेसऐप है। इस ऐप को लेकर देश और दुनिया सभी जगह चर्चाएं चल रही है। जिसमें अपनी तस्वीर को कई तरीकों से बदलने के ऑप्शन दिए गए हैं।

इस ऐप में सबसे ज्यादा चर्चा इसकी ऐज ऑप्शन का है, जिसमे लोग अपनी फोटो को ओल्ड एज बनाकर काफी शेयर कर रहे हैं। किन्तु इस ऐप पर रांची के एक मौलाना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह हराम है। इसका इस्तेमाल करने वाला अल्लाह के सामने गुनहगार होगा।

फेस एप्लीकेशन इन दिनों काफी चर्चा में है लेकिन कुछ लोग हैं, जो इसे धार्मिक नज़र से देख रहे हैं। ऐसा ही एक नाम एदार ए शरिया झारखंड के नाजीम ए आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी का है जो इस ऐप के उपयोग का कड़ाई से मना कर रहे हैं।

मौलाना कुतुबुद्दीन के अनुसार इस ऐप का उपयोग आपको अल्लाह की नाराजगी का जरिया बनाएगा, क्योंकि इसका इस्तेमाल हराम बताया गया है।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि यदि कोई इसका उपयोग करता है तो वह गुनहगार होगा। इसीलिए मौलाना साहब इस ऐप का इस्तेमाल ना करने की नसीहत दे रहे है। वहीं, इस ऐप पर एदार ए शरिया की मनाही का युवा विरोध कर रहे हैं।

मुस्लिम समाज की छात्राएं इस आदेश को अनुचित मान रही हैं. उनका कहना है कि यह एप केवल मनोरंजन के लिए है और इस पर धर्म का रंग देने की आवश्यकता नहीं।