भारत की विपक्षी पार्टियों द्वारा फेसबुक पर हेट स्पीच (घृणित भाषण) को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा रहा है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इसी बीच, गुरुवार को फेसबुक ने भाजपा नेता टी राजा सिंह को हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने वाली सामग्री को लेकर बनाई गई अपनी नीति का उल्लंघन करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म और इंस्टाग्राम से प्रतिबंधित कर दिया।
दरअसल, इन सबकी शुरुआत वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर से हुई थी, जिसमें कहा गया था कि फेसबुक भाजपा की नीतियों का समर्थन कर रही है और उसकी पार्टी के नेता टी राजा सिंह के भड़काऊ बयानों को अपने प्लेटफॉर्म से नहीं हटा रही है। इस खबर का हवाला देते हुए कांग्रेस समेत देश की विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर हमला बोला था।
Under pressure for weeks over its handling of #hatespeech, #Facebook on Thursday banned #BJP politician #TRajaSingh from its platform and #Instagram for violating its policy around content promoting violence and hate https://t.co/DyMZnLDexr
— National Herald (@NH_India) September 3, 2020
फेसबुक की प्रवक्ता ने एक ईमेल के जरिए दिए अपने बयान में कहा, हमने राजा सिंह को हमारी नीति का उल्लंघन करने के लिए फेसबुक से प्रतिबंधित कर दिया है।
BJP politician T Raja Singh banned by Facebook and Instagram https://t.co/ci5JGRVHs2 #Facebook #BJP
— Devdiscourse (@Dev_Discourse) September 3, 2020
हमारी नीति, फेसबुक के माध्यम से हिंसा को बढ़ावा देने, हिंसा करने या हमारे मंच पर मौजूदगी से नफरत फैलाने पर रोक लगाती है।
बयान में कहा गया, संभावित उल्लंघनकर्ताओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया व्यापक है और इस प्रक्रिया पर काम करते हुए हमने फेसबुक से राजा सिंह के अकाउंट को हटा दिया है।
गौरतलब है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि फेसबुक की नीतियां भारत सरकार का समर्थन करती हैं, जिसके बाद भारत की विपक्षी पार्टियों ने फेसबुक और सरकार की सांठगांठ को लेकर हमला बोला था। बता दें कि भारत फेसबुक के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, उसके भारत में 30 करोड़ यूजर्स हैं।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि फेसबुक ने भाजपा विधायक राजा सिंह की हेट स्पीच वाले पोस्ट की अनदेखी की थी। तब से, सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस सोशल मीडिया दिग्गज के कथित पूर्वाग्रह को लेकर बयानबाजी कर रहे थे।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मद्देनजर, एक संसदीय पैनल ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए फेसबुक के प्रतिनिधियों को बुलाया था।
https://twitter.com/DataAugmented/status/1301400201739943936?s=20
वहीं, मंगलवार को सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कर्मचारियों पर चुनावों में लोगों की मदद करने का आरोप लगाया था।