फैक्ट चेक – बरसों पुराने विडियो को तबलीग जमात के नाम पर किया जा रहा वायरल

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कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पूरा देश एकजुट है, लेकिन इस बीच कुछ अराजकतत्व फेक विडियो के जरिए माहौल बिगाड़ने में लगे हैं। लॉकडाउन के बीच तबलीगी जमात की घटना के बाद मुस्लिम समाज से जुड़े कई विडियो वायरल हो रहे हैं। किसी विडियो में पुलिस वैन के भीतर सिपाही पर थूकते हुए युवक को कोरोना संक्रमित बताया जा रहा है तो किसी में सूफी पद्धति से हो रही उपासना को संक्रमण फैलाने की साजिश करार दिया जा रहा है। नवभारत टाइम्स  ने गूगल के सर्टिफाइड फैक्ट चेकर प्रो. मुकुल श्रीवास्तव के साथ ऐसे कई विडियो की पड़ताल की .

1. कर रहे पूजा, बताया संक्रमण की साजिश

दावा: विडियो में एक समुदाय विशेष के लोग झूम रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये झूमते हुए जानबूझ छींक रहे हैं, ताकि कोरोना का संक्रमण फैले।

हकीकत: विडियो तो सही है, लेकिन इसका कोरोना से कोई लेना देना नहीं। यह विडियो 29 जनवरी को एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ, जबकि देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी को सामने आया। विडियो गौर से देखने पर पता चलेगा कि इसमें मौजूद लोग तेजी से सांस ले और छोड़ रहे हैं। यह पूजा की एक सूफी पद्धति है।

2. दावा: विडियो में दावा किया जा रहा है कि देखिए निजामुद्दीन में लोग बर्तन चाट कर कोरोना फैला रहे हैं।

हकीकत: विडियो दाउदी बोहरा समुदाय के लोगों का है, जो मानते हैं कि खाने की बर्बादी नहीं होनी चाहिए। इसी कारण ये बर्तन चाट कर बचा हुआ खाना खत्म करते हैं। यह विडियो जुलाई 2018 से इंटरनेट पर मौजूद है |

3. दावा: एक आदमी कुछ पुलिसवालों के साथ किसी वाहन में है। वह पुलिसवाले पर थूकता दिख रहा है। दावा किया जा रहा है कि निजामुद्दीन में मौजूद रहा यह आदमी पकड़े जाने पर पुलिसवालों पर थूक रहा है, ताकि उन्हें भी संक्रमण हो जाए।

हकीकत: यह विडियो 29 फरवरी 2020 में मुंबई के एक विचाराधीन कैदी का है, जिसने पुलिस वैन में ऐसी हरकत की थी। युवक ने घर के खाने की डिमांड की थी। डिमांड पूरी न होने पर पुलिसवालों पर थूक दिया था।

 

थोडी सी एहतियात से समझ सकते हैं फेक विडियो का खेल

– 90% विडियो सही होते हैं, लेकिन उन्हें गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जाता है। किसी विडियो की जांच करने के लिए उसे ध्यान से देखा जाना चाहिए।

– क्रोम ब्राउजर में इनविड (InVID) एक्सटेंशन जोड़कर विडियो की पड़ताल आसानी से की जा सकती है। इनविड विडियो को फ्रेम दर फ्रेम देखने में मदद करता है। इसमें किसी एक दृश्य को बड़ा करके भी देखा जा सकता है।

– किसी भी विडियो को समझने के लिए उसमें मौजूद पोस्टर-बैनर, गाड़ियों की नंबर प्लेट और फोन नंबर की तलाश करनी चाहिए या फिर कोई लैंडमार्क ताकि उसके भौगोलिक जुड़ाव की पहचान हो सके।

– विडियो में दिख रहे लोग कैसे कपड़े पहने हैं, वे किस भाषा या बोली में बात कर रहे हैं, यह भी देखा जाना चाहिए।

– इंटरनेट पर ऐसे कई सॉफ्टवेयर हैं, जो विडियो और फोटो की सत्यता पता लगाने में मदद कर सकते हैं।