देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने सरकार में चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 54,00,619 हो गई है।
साक्षी समाचार पर छपी खबर के अनुसार, कोरोना के सबसे ज्यादा आंकड़े 7 राज्यों में है।इसमें महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी समेत अन्य राज्यों के सीएम बैठक में शामिल होंगे।
माना जा रहा है कि कि पीएम अगले हफ्ते इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर सकते हैं। इस बैठक में कोरोना से निपटने के तरीकों पर चर्चा कर रणनीति बनाई जाएगी। वहीं दूसरी ओर दावा किया जा रहा है कि 25 सितंबर से एक बार फिर देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
Claim: An order purportedly issued by National Disaster Management Authority claims that it has directed the government to re-impose a nationwide #Lockdown from 25th September. #PIBFactCheck: This order is #Fake. @ndmaindia has not issued any such order to re-impose lockdown. pic.twitter.com/J72eeA62zl
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 12, 2020
यह दावा राष्ट्रीय आपादा प्रबंधन प्राधिकरण की एक चिट्ठी को वायरल कर किया जा रहा है कि देश में एक बार फिर लॉकडाउन लगने जा रहा है।
हालांकि प्रेस इंफॉर्मेंशन ब्यूरो की फैक्ट चेक इकाई ने कहा है कि वायरल हो रही चिट्ठी फर्जी है। बता दें कि पीआईबी सरकार के अधीन काम करने वाली एक ऑर्गनाइजेशन है।
वायरल हो रही चिट्ठी के फर्जी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के फैलने को रोकने और देश में मृत्यु दर को कम करने के लिए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, योजना आयोग के साथ भारत सरकार से, प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय, 25 सितंबर, 2020 से 46 दिनों के सख्त राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को फिर से लागू करने के आग्रह करती है।
इसके साथ देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए एनडीएमए मंत्रालय को एक पूर्व सूचना जारी कर रहा है ताकि उसके अनुसार योजना बनाई जा सके।’
पीआईबी ने कहा, ‘दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कथित रूप से जारी एक आदेश में दावा किया गया है कि उसने सरकार को 25 सितंबर से देशव्यापी लॉकडाउन फिर से लागू करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश फर्जी है। पीआईबी ने इस बात की जानकारी ट्वीट के जरिए दी है। प्राधिकरण ने लॉकडाउन को फिर से लागू करने के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है।’