केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने केंद्र सरकार पर पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। अमरिंदर ने कहा, कृषि राज्य सरकार का विषय इस लिए हम किसान हित में बिल लाए मगर उन्हें अटका रखा है।
केंद्र ने राज्य की रेल सेवा बंद कर दी है, जिससे कोयला, खाद और किसानों की जरूरत के अन्य सामान नहीं पहुंच पा रहे हैं। यह सौतेला व्यवहार नहीं तो क्या है?
दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद धरने पर बैठे अमरिंदर सिंह ने कहा, हमने पंजाब का दर्द सुनाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी समय मांगा था, लेकिन उन्होंने हमारी सुध ही नहीं ली, हमको समय नहीं दिया। नतीजन हमें धरने पर बैठना पड़ रहा है।
अमरिंदर ने कहा, कृषि राज्य सरकारों का विषय है। हमारी सरकार ने अपने अधिकारों के तहत किसानों की सुरक्षा में नए कृषि विधेयक पारित किए। लेकिन ये 20 अक्तूबर से राज्यपाल के पास अटके हैं। उन्होंने इसे राष्ट्रपति के पास भी नहीं भेजा।
राज्यपाल ने तो उनकी सरकार द्वारा एक साल पहले सौंपा गया बिल पंजाब स्टेट लेजिसलेचर (प्रीवेंशन ऑफ डिस्क्वालीफिकेशन) भी अभी तक रोका हुआ है। ऐसे मसलों में तो राज्यपाल केवल पोस्ट बॉक्स ही हैं।
अमरिंदर के धरने में कांग्रेस के अलावा शिअद (लोकतंत्र) के विधायक परमिंदर सिंह ढींढसा, लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस और पंजाबी एकता पार्टी विधायक सुखपाल खैरा मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी पर धरने में शामिल न होने का दबाव था क्योंकि दिल्ली में उनकी सरकार द्वारा किसानों के हितों की रक्षा के लिए संशोधन बिल पास नहीं किए गए।
पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली सीमा पर पुलिस ने रोक दिया। उनकी पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई हालांकि वह बाद में जंतर-मंतर पहुंचे और धरने में शामिल हुए।