बंगाल के सियासी घमासान में अब किसान आंदोलन की भी एंट्री हो गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत शनिवार को बंगाल पहुंचे।
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, यहां वे कोलकाता के भवानीपोरा में आयोजित किसान महापंचायत में शामिल हुए। इस दौरान टिकैत ने कहा कि आप भाजपा को वोट मत दीजिए, भले चाहे किसी और पार्टी को दे दीजिए।
हम यहां क्रांतिकारियों की धरती से अपनी लड़ाई आगे बढ़ाने आए हैं। जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं।
उन्होंने कहा कि पूरी सरकार दिल्ली छोड़कर बंगाल में चुनाव प्रचार करने में व्यस्त है। इसीलिए हमारे सारे नेता भी यहां पहुंच गए हैं। सरकार किसानों से बात नहीं कर रही।
हम आंदोलन 8 और महीने चलाने के लिए भी तैयार हैं। जब सरकार आंदोलन वापस नहीं ले लेती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि जहां-जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे, हम उन्हें फॉलो करेंगे। इसके बाद टिकैत शाम को नंदीग्राम में भी किसानों को संबोधित करेंगे। वे रविवार (14 मार्च) को सिंगूर और आसनसोल में भी किसान महापंचायत करेंगे।
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। SKM ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम बंगाल के किसानों से अपील करते हैं कि वे भाजपा का बहिष्कार करें और उसे वोट न दें।
चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा सरकार कृषि कानून वापस लेना ही पड़ेगा।
SKM नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं और न ही लोगों से किसी पर्टिकुलर पार्टी को वोट देने के लिए कह रहे हैं।
हमारा मकसद है कि भाजपा को सबक सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के कानों तक हमारी बात पहुंचाने के लिए जरूरी है कि आगामी चुनाव में उसका नुकसान किया जाए।