राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन एक नाजुक मोड़ पर आ चुका है। ऐसा लग रहा था मानों किसान आंदोलन खुद ब खुद खत्म हो जाएगा।
इंडिया डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बीती रात प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और इस दौरान वे भावुक होकर रो पड़े।
राकेश टिकैत के इन आंसुओं ने ऐसा लगा मानों किसान आंदोलन में जान फूंक दी हो।
क्योंकि इसके बाद वापस जा चुके किसान एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर की ओर पहुंचने लगे और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी किसान वहां पहुंचने लगे।
राकेश टिकैत बीते कुछ दिनों से काफी चर्चा में रहे हैं। इनका यह नाम शायद अब लोग भूले से भी न भूलें, लेकिन आप राकेश टिकैत के बारे में कितना जानते हैं?
आज हम आपको राकेश टिकैत के जीवन, आंदोलन व संपत्ति संबंधित सभी जानकारी देने वाले हैं।
बता दें कि किसानों की राजनीति राकेश टिकैत को उनके दिवंगत पिता महेंद्र सिंह टिकैत से विरासत में मिली थी। महेंद्र सिंह टिकैत भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रहे थे।
राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर जिले के सिसौली गांव के रहने वाले हैं। इनकी पढ़ाई मेरठ विश्वविद्यालय से हुई है, जहां से इन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री ली और इसके बाद वकालत की पढ़ाई करने के बाद वे वकील बन गए।
बता दें कि साल 1992 में जब राकेश टिकैत सब-इंस्पेक्टर के रूप में दिल्ली में तैनात थे तब उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में किसान आंदोलन चलाया जा रहा था।
राकेश टिकैत कुल 4 भाई हैं। इनमें से राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, वहीं राकेश टिकैत किसान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं।
बता दें कि राकेश टिकैत के छोटे भाई सुरेंद्र टिकैत शुगर मिल में मैनेजर हैं और सबसे छोटे भाई नरेंद्र टिकैत खेती-बाड़ी का काम देखते हैं।