किसान संघ बातचीत के लिए सरकार के निमंत्रण को स्वीकार किया!

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सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच ‘डेडलॉक’ अब ‘डायलॉग’ की ओर बढ़ चला है। सरकार ने किसानों के पत्र का जवाब भेजकर उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, किसानों ने सरकार से मिले वार्ता प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। हालांकि किसानों की तय तारीख को सरकार ने एक दिन आगे खिसका दिया है। 29 के बजाए अब 30 दिसंबर को वार्ता होगी। 29 दिसंबर दोनों पक्षों के लिए अहम है।

संयुक्त किसान मोर्चा मंगलवार को अपनी अगली रणनीति का एलान करेगा। इससे पहले सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने पीयूष गोयल से मंत्रणा की। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने उम्मीद जताई कि बातचीत से हल निकलेगा।

सरकार के पत्र पर पंजाब के किसान संगठनों की एक दौर की बैठक सोमवार को ही हो गई।

अब मंगलवार को उन सभी 40 किसान संगठनों की आपसी रणनीतिक वार्ता होगी, जिन्हें सरकार का बुलावा है। मंगलवार को ही संयुक्त किसान मोर्चा अगली रणनीति का एलान करेगा।

सरकार ने वार्ता की तारीख एक दिन आगे खिसका दी है। पत्र में सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के उन चारों एजेंडे पर बातचीत का जिक्र किया है।

किसान संगठनों ने जब बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख तय की तो हाथोंहाथ 29 को वार्ता विफल होने की स्थिति में 30 दिसंबर को कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे जाम करने की घोषणा कर दी थी।

सरकार ने अब 30 दिसंबर को 2 बजे वार्ता के लिए बुलावा भेजा है। ऐसे में अब सरकार के साथ-साथ सभी की नजर उस दिन की वार्ता के साथ-साथ आंदोलन पर रहेगी।

संयुक्त किसान मोर्चा मंगलवार को अगली रणनीति का एलान करेगा। ऐसे में 30 दिसंबर को वार्ता के कारण आंदोलन के पूर्व घोषित कार्यक्रम में नरम रवैये की उम्मीद की जा सकती है।