कृषि कानूनों को लेकर सरकार से किसानों की हो सकती है बातचीत!

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कृषि कानून के विरोध में जारी किसानों के प्रदर्शन का आज 30वां दिन है।

टीवी 9 पर छपी खबर के अनुसार, किसान नेताओं की तरफ से सरकार के प्रस्ताव का आज जवाब दिया जा सकता है।

किसान संगठनों ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत को इच्छुक नहीं हैं।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि किसान को किसानी करनी है या मजदूरी करनी है, ये निर्णय केंद्र सरकार को करना होगा. इस मुद्दे पर हम एकजुट हैं।

जब तक हम में ताकत है, हम विरोध करते रहेंगे. केंद्र सरकार ने किसानों को जो धोखा दिया है, उसका खामियाजा सरकार को उठाना पड़ेग।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, मैं सभी किसान भाइयों से अनुरोध करता हूं कि जिन्होंने कई दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद आपके लिए कुछ नहीं किया है, उनके द्वारा फैलाए गए झूठ में मत आओ, उनसे सावधान रहो।