किसान आन्दोलन एक बार फिर जोर पकड़ा!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार शाम बयान जारी कर कहा है कि किसान संगठनों ने सभी दरवाजे खुले रखे हैं। सरकार बातचीत के लिए बुलाती है तो जरूर जाएंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के समन्वय समिति के सदस्य दर्शनपाल ने कहा, हम तो सरकार के चौखट पर आए हैं। सरकार जब बातचीत के लिए बुलाएगी, चले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद करने और एमएसपी की गारंटी हमारी प्रमुख मांग है।

यूपी गेट पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी कहा कि सरकार धरना स्थल पर आकर वार्ता के लिए न्योता दे।

भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने चंडीगढ़ में पत्रकारों के सवाल पर कहा कि किसान संगठन पहले भी पीछे नहीं हटे थे, अब भी नहीं हटेंगे।

हमने सरकार से कहा है कि तीनों कानून रद हों, इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है। अगर सरकार का कोई और प्रस्ताव देती है तो उस पर गौर किया जाएगा।

राजेवाल ने कहा कि 26 जनवरी की घटना के बाद किसान आंदोलन को बड़ा झटका लगा था लेकिन गाजीपुर में जिस तरह से राकेश टिकैत ने इस आंदोलन को संभाला उससे किसान फिर से आंदोलन की तरफ बढ़ गए हैं।

किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। राकेश टिकैत को संयुक्त किसान मोर्चा सम्मानित भी करेगा।

राजेवाल ने कहा कि किसान समझ चुके हैं कि जब आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था तो सरकार पर ज्यादा दबाव था। किसान फिर इसी रास्ते पर चल रहे हैं और अब सरकार को भी अपना राज हठ छोड़ देना चाहिए।